मुर्धवा के खाड़पाथर गांव में चरम पर भ्रष्टाचार। जंगल की जमीन को कर दिया पट्टा/रजिस्ट्री। जंगल विभाग और सरकारी विभागों की संलिप्तता
सोनभद्र
दीपू पत्रकार
पिपरी सोनभद्र
सोनभद्र /मुर्धवा के खाड़पाथर में वन की भूमि का जमकर दोहन किया जा रहा है। वन भूमि कब्जा किया जा रहा है। उस पर रिहायशी तथा कमर्शियल निर्माण किए जा रहे हैं। हजारों की संख्या में पेड़ पौधे, पहाड़ जंगली जानवर पंछी इत्यादि समाप्त कर दिए गए, और इन सब में सरकारी अमला जी जान से जुटा हुआ है। चाहे वह वन विभाग हो, या फिर तहसील हो, या कोई और भी विभाग हो। जाहिर है सभी मिल बांट कर खा रहे हैं, और मोटी कमाई कर रहे हैं। जंगल समाप्त होते हैं तो होने दो।
तमाम उल्टे सीधे खसरा खतौनी, उल्टे सीधे रिपोर्ट, कागजों में हेरफेर, इत्यादि करके वन भूमि की जमीन को रजिस्ट्री कर दिया गया या पट्टा करा दिया गया।
जाहिर है ये सरकारी लोगों का ही कमाल है, जिन पर जंगल और जमीन बचाने की जिम्मेदारी है।
बाबू राम सिंह डिग्री कॉलेज के समीप रकबा नंबर 424 429 440 439 वन भूमि है। लेकिन मिलीभगत करके वहां पर पूरा का पूरा खटाल बसा दिया गया है। शुद्ध रूप से व्यवसाय हो रहा है। इसकी जांच होनी चाहिए।
444, 445 जंगल भूमि है, 183 जंगल है। जबकि विगत करीब 20 वर्षों से वहां पर पक्का मकान बना हुआ है जिसमें दुकानें भी है।
जाहिर है, यदि अवैध कब्जा इस स्तर पर हो रहा है। तो साफ है की इसमें सरकारी अधिकारियों-कर्मचारियों की, चाहे वह जंगल विभाग के हो तहसील के हो या कहीं के हो, पूरी तरीके से संलिप्तता नजर आती है। उसकी जांच होनी चाहिए, कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। और जंगल, जमीन, पेड़ों, पहाड़ों नदियो, तालाबों की सुरक्षा भी होनी चाहिए क्योंकि जंगल है तो हम हैं।