डी.ए.वी. परासी में बालदिवस के उपलक्ष्य में किया गया वृक्षारोपण
वली अहमद सिद्दीकी सोंनभद्र
डी.ए.वी. परासी में बालदिवस के उपलक्ष्य में किया गया वृक्षारोपण
‘वृक्ष धरा के भूषण है,करते दूर प्रदूषण हैं।’इस उक्ति को सार्थक बनाने के उद्देश्य से डी.ए.वी.सी.से.पब्लिक स्कूल,परासी में बालदिवस उपलक्ष्य में विद्यालय में मुख्य अतिथि ककरी परियोजना के मुखिया श्री वी.के.अग्रवाल एवं विशिष्ट अतिथियों में विभागाध्यक्षगण ककरी परियोजना, सर्वश्री संदीप साहा, एस.के. पांडेय एवं एच.पी. सूर्यवंशी और विद्यालय के प्राचार्य श्री संतोष कुमार श्रीवास्तव के कर-कमलों द्वारा वृक्षारोपण किया गया। इस खास मौके पर विद्यालय के सभी शिक्षण एवं शिक्षणेतर कर्मचारियों ने न केवल वृक्षारोपण अभियान में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया बल्कि पर्यावरण संरक्षण के लिए भी कृत संकल्पित दिखे। यह वृक्षारोपण कार्यक्रम विद्यालय के नवागत प्राचार्य की अभिनवात्मक पहल थी,जिसे मुख्य अतिथि के साथ ही साथ विशिष्ट अतिथियों ने अपना अमूल्य समय देकर मूर्त रूप दिया। कल सायंकाल ही एकलव्य मैदान पर एन सी एल ककरी परियोजना द्वारा आयोजित ‘पारिवारिक परामर्श संगोष्ठी और बाल दिवस’विषयक समारोह में विद्यालय के नन्हें -मुन्ने बाल कलाकारों ने कव्वाली,हास्यव्यंग्य नाटिकाओं और वाद्य यंत्रों द्वारा ऐसा मनोहर और भावविह्वल कर देने वाला प्रदर्शन किया कि पूरा एकलव्य मैदान गीत-संगीत की स्वर-लहरियों से ओतप्रोत हो गया। इस अवसर पर अपने उद्बोधन में प्राचार्य ने अपने विगत सात महीने के कार्यकाल की चार महत्त्वपूर्ण उपलब्धियों,एन.सी.सी की मान्यता,आगामी सत्र से 11 और 12वीं कला एवं वाणिज्य संकाय की मान्यता,कक्षा 9 एवं 10 वीं कौशल विषय सूचना प्रौद्योगिकी की मान्यता और एन सी एल द्वारा घोषित ‘सर्वश्रेष्ठ स्वच्छ विद्यालय’ हेतु एन.सी.एल.ककरी परियोजना प्रबंधन के सहयोग भूरि-भूरि प्रशंसा की और 11-12वीं विज्ञान वर्ग की मान्यता हेतु कुछ कमरों की आवश्यकता पर प्रबंधन का ध्यान खींचा। समारोह की अध्यक्षता कर रहे ककरी परियोजना के महाप्रबंधक श्री वी.के.अग्रवाल ने अपने अध्यक्षीय भाषण में विद्यालय के प्राचार्य संतोष कुमार श्रीवास्तव और उनकी टीम को साधुवाद देते हुए विद्यालय में कमरों की कमी को अतिशीघ्र पूर्ण करने का आश्वासन दिया,जिससे 12वीं विज्ञान वर्ग की मान्यता मिल सके। उन्होंने विद्यालय की अनेकानेक उपलब्धियों के लिए प्राचार्य को कोटिशः बधाइयाँ भी दी।
प्राचार्य