विकास नहीं एक तरफ अंधेरा और दूसरी तरफ उजाला कर स्वार्थ नीति पर कार्य कर रही है अल्ट्राटेक सीमेंट
विकास नहीं एक तरफ अंधेरा और दूसरी तरफ उजाला कर स्वार्थ नीति पर कार्य कर रही है अल्ट्राटेक सीमेंट ,
अनिल जयसवाल (संवाददाता)
डाला सोनभद्र- डाला बाजार का वह रास्ता जहां शाम होते जी कालशर्प दौड़ने लगता हैं । यु कहिअल्ट्राटेक की स्वार्थ नीति एक तरफ जगमगाहट तो दूसरी तरफ अंधेरा ,
डाला सोनभद्र- डाला बाजार का वह रास्ता जहां शाम होते जी कालशर्प दौड़ने लगता हैं । यु कहिये डाला गांजा व हेरोइन बिक्रेताओं का केंद्र बिंदु माना जाता है। ऐसे में अल्ट्राटेक के सोच पर सवालिया निशान उठाये जा रहे हैं। जब नाक के नीचे ही अंधेरा हो तो क्षेत्र का विकास खनापूर्ती ही होगा।
निजी कंपनी अल्ट्राटेक द्वारा डाला के विकास में खानापूर्ति करते देर नही लगती । देखा जाय तो लालबत्ती से अचलेश्वर महादेव मन्दिर की तरफ से गुजरने वाले रास्ते लाइट से जगमगाते रहते है । वही ठीक दूसरी तरफ मातम सा छाया रहता हैं। अल्ट्राटेक की यह दोहरी नीति विकास को नही बल्कि स्वार्थ साधने को दर्शाता हैं । जब कोई लालबत्ती से शाहिद स्थल की तरफ आता है तो अंधेरे की वजह से डर बना रहता हैं । डाला बाजार में दूर दराज से व निजी कंपनी में काम करने वाले मजदूर इस रास्ते से गुजरने में कतराते है। आये समय यहां मादक पदार्थ बिक्रेताओं द्वारा और पीने वालों द्वारा लूट पाट हो जाया करते हैं । इस रास्ते में ओबरा से होकर रेनुकूट जाने वाले भी अंधेरे को देख कर भयभीत होते रहते हैं ।
इस सम्बंध में शहीद स्थल पर शाम के समय उक्त रास्ते से गुजरने वाले राहगीर व मजदूरों ने नगर पंचायत का ध्यान आकृष्ट कराया कि इस रास्ते मे लाइट लगाना सुनिश्चित करें।ये डाला गांजा व हेरोइन बिक्रेताओं जीका केंद्र बिंदु माना जाता है। ऐसे में अल्ट्राटेक के सोच पर सवालिया निशान उठाये जा रहे हैं। जब नाक के नीचे ही अंधेरा हो तो क्षेत्र का विकास खनापूर्ती ही होगा।
निजी कंपनी अल्ट्राटेक द्वारा डाला के विकास में खानापूर्ति करते देर नही लगती । देखा जाय तो लालबत्ती से अचलेश्वर महादेव मन्दिर की तरफ से गुजरने वाले रास्ते लाइट से जगमगाते रहते है । वही ठीक दूसरी तरफ मातम सा छाया रहता हैं। अल्ट्राटेक की यह दोहरी नीति विकास को नही बल्कि स्वार्थ साधने को दर्शाता हैं । जब कोई लालबत्ती से शाहिद स्थल की तरफ आता है तो अंधेरे की वजह से डर बना रहता हैं । डाला बाजार में दूर दराज से व निजी कंपनी में काम करने वाले मजदूर इस रास्ते से गुजरने में कतराते है। आये समय यहां मादक पदार्थ बिक्रेताओं द्वारा और पीने वालों द्वारा लूट पाट हो जाया करते हैं । इस रास्ते में ओबरा से होकर रेनुकूट जाने वाले भी अंधेरे को देख कर भयभीत होते रहते हैं ।
इस सम्बंध में शहीद स्थल पर शाम के समय उक्त रास्ते से गुजरने वाले राहगीर व मजदूरों ने नगर पंचायत का ध्यान आकृष्ट कराया कि इस रास्ते मे लाइट लगाना सुनिश्चित करें।