सोनभद्र

रेलवे स्टेशन पत्ता गोदाम पर जांच टीम पहुंची

राकेश केशरी

विंढमगंज सोनभद्र थाना क्षेत्र के अंर्तगत रेलवेस्टेशन पर स्थिति तेंदु पत्ता की गोदाम पर उत्तर प्रदेश वन निगम में प्रस्तावित समिति वर्ष 2020 सीजन में भंडारित तेंदूपत्ता में मनोज कुमार जायसवाल के द्वारा कि गयी शिकायत से संबंधित प्रकरण से आच्छादित तेंदु पता लाटो की रेंडम आधार पर जांच होने की आदेश हुई थी जिसमें आज सुबह लगभग 10 बजे शिकायती गोदाम रेलवेस्टेशन विंढमगंज में जांच टीम पहुंची। शिकायतकर्ता ने जांच करने की बात कही। मौके पर उपस्थित जांच टीम गोदाम के अंदर पहुंचे। शिकायतकर्ता ने जांच का वीडियोग्राफी कराने की बात पर जांच टीम भड़क गए, बोला कि वीडियोग्राफी ना करें, शासन की तरफ से मनाही है । इसी बात पर शिकायतकर्ता व जांच अधिकारी में तू तू मैं मैं होने लगा जिसके कारण मौके पर तमाशाबिनों की भीड़ लग गई। शिकायतकर्ता का कहना था कि जब तक वीडियोग्राफी नहीं होगी तब तक निष्पक्ष जांच का सवाल ही पैदा नहीं होती है जबकि हम शिकायतकर्ता के द्वारा वन निगम के द्वारा दिए गए दिशा निर्देश के अनुसार समस्त तेंदूपत्ता के बोरों की जांच हेतु ₹5 प्रति बोरा के हिसाब से ₹13200 व जीएसटी जमा किया हूं फिर आपके द्वारा सारे बोरो की जांच नहीं करके रैंडम कुछ ही बोरो की जांच करके इतिश्री करने की कोशिश की जा रही है जो सरासर गलत है क्योंकि इससे पहले जुगल गाँव में खानापूर्ति आप जांच टीम के द्वारा की गई है इसके वजह से गोदाम में पड़े समस्त बोरो की जांच की वीडियोग्राफी कराना हमारे अधिकार क्षेत्र में होता है जिससे जांच टीम गोदाम के अंदर से वापस हो गए शिकायतकर्ता मनोज जायसवाल का आरोप है कि जांच को लीपापोती करने का साजिश अधिकारियों के द्वारा किया जा रहा है मंगलवार को हमें बताया गया कि लेबर नहीं हैं इसलिए जांच बुधवार को होगा और मेरी गैरमौजूदगी में ही बिना जुगेल गोदाम पर गए हैं जाच पूरी करके रिपोर्ट भेज दिया गया जो सरासर गलत है

वही मौके पर मौजूद जांच टीम में शामिल गोकुल वर्मा (डीएलओ) ने बताया की सिर्फ रेंडम जांच की आदेश हुई है और मेरे पास आदेश भी रैंडम जांच की आई है लेकिन मनोज जायसवाल द्वारा कहा जा रहा है कि पूरी लाट की एक-एक बोरियां की जांच की जाए जो संभव नहीं है, रही बात जुगैल में वन निगम के पत्ते की गोदाम के जांच का तो इन्हें पूर्व में भी सूचित किया गया था लेकिन इन्होंने बताए गए तारीख पर उपस्थित रहने में अपनी असमर्थता जताई जिसके वजह से जांच टीम अपना जांच कर रिपोर्ट उच्च अधिकारियों को प्रेषित कर दी है।

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