सरकार के मंसूबे पर फिरा पानी, गन्दे पानी से विद्यालय बभनमरी में बन रहा एमडीएम

अनिल जायसवाल
डाला सोनभद्र – विकास खण्ड – चोपन अंतर्गत ग्राम पंचायत- कोटा के बभनमरी प्राथमिक विद्यालय का हैंडपंप कई सालों से बदहाल स्थिति में पड़ा हुआ है । लगभव 30 मीटर पर वही जूनियर विद्यालय का हैंडपपम्प लाल पानी के साथ बच्चो को विमारी का दावत दे रहा है। बभनमरी प्राथमिक विद्यालय के बच्चे अब तो भूल भी गए हैं कि अंतिम बार पानी इस हैंडपंप ने कब दिया था।
आपको बता दें की बभनमरी कोटा ग्राम पंचायत के विकास खण्ड – चोपन के अंतर्गत आता है जिसमें करीब दोनो विद्यालय को मिला कर चार सौ से भी ज्यादा बच्चे शिक्षा ग्रहण करने आते हैं। बताते चलें कि बभनमरी प्राथमिक विद्यालय/उच्च प्राथमिक विद्यालय चारों ओर जंगलों से घिरे अत्यंत आदिवासी बहुल क्षेत्र वाराणसी शक्तिनगर हाइवे से 8 किलोमीटर जंगल के इलाके में मौजूद हैं जहां पर आदिवासी ग्रामीणों के बच्चे शिक्षा दीक्षा ग्रहण करने आते हैं।
आप कह सकते हैं कि शिक्षा विभाग द्वारा शुद्ध पानी के नाम पर खाना पूर्ति किया जा रहा हैं । ग्रामीणों व स्कूल के बच्चों तथा अध्यापकों से बात करने पर पता चला कि विद्यालय का हैंडपंप सालों से खराब स्थिति में पड़ा हुआ है जिसकी कोई सुध लेने वाला नहीं है । विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चे अक्सर घर से पानी लेकर स्कूल जाते है। उक्त हैंडपंप की खराब होने की सूचना , प्राथमिक विद्यालय बभनमरी के प्रभारी अध्यापक द्वारा उपरोक्त अधिकारी, व खण्ड विकास अधिकारी को कई बार दिया जा चुका हैं। लेकिन विद्यालय जंगल व आदिवासी क्षेत्र में होने के कारण सभी जिम्मेदार खाना पूर्ति कर किनारा कस लेते है। अधिकारियों के आश्वासन के बाद भी हैंडपंप उसी दशा दिशा में तीन वर्षों अपने होने पर यात्रा रहा है ।
प्राथमिक विद्यालय बभनमरी में ऐसे देखा जाए तो काफी बड़े बड़े पानी पीने का टंकी, हैंडवाश आदि बना दिया गया है किन्तु पानी के सोर्स अर्थात हैंडपंप सालों से उसी बदहाल स्थिति में पड़ा हुआ है।
इस सम्बंध में प्रभारी प्रधानाध्यक अतीक उल्लाखांन ने बताया की खण्ड विकास अधिकारी को प्रार्थना पत्र देने के बाद देखने आए थे परन्तु आस्वाशन के अलावा कुछ नही मिला।