कोटेदार द्वारा नगर पंचायत डाला व कोटा के ग्रामीणों संग लुकाछिपी लॉकडाउन के समय से किया जा रहा है

अनिल जायसवाल (संवाददाता)
डाला सोनभद्र- विकासखंड चोपन अंतर्गत ग्राम पंचायत कोटा व नगर पंचायत डाला के कोटेदार मनमानी ढंग से ग्रामीणों का राशन काट ले रहे हैं जहां लाल कार्ड धारकों को 35 किलो मिलना चाहिए वही 2 किलो कम दिया जा रहा है ऐसे में कुछ ग्रामीणों ने बताया कि 7 यूनिट के जगह पर 30 किलो ही राशन दिया जाता है।
कोटा ग्राम पंचायत व नगर पंचायत डाला के कुछ ऐसे सरहद किस्म के कोटेदार हैं जिन्होंने यह कसम खा ली है की जिन आदिवासी या अन्य लोगों के 6 यूनिट या 7 यूनिट राशन कार्ड हैं उन्हें एक यूनिट कम ही दिया जाएगा । ग्रामीणों ने बताया कि जब हम लोग राशन लेने दुकान पर पहुंचते हैं तो किसी को 2 किलो कम या लगभग यह माना जाय कि प्रत्येक व्यक्ति को कम ही दिया जाता है आखिरकार यह प्रक्रिया लॉकडाउन से चली आ रही है जहां सरकार गरीब मजदूरों के लिए महीने में दो बार राशन उपलब्ध कराने के लिए परेशान है वही कोटेदार ग्रामीणों का राशन काटने में अपने आप को किसी महान पुरुष से कम नहीं समझ रहे हैं कोटा ग्राम पंचायत व नगर पंचायत डाला के इन कोटेदारों में अक्सर यह देखा गया है कि राशन काटने से यह बाज नहीं आते इन परिस्थिति में ग्रामीणों ने बताया कि उच्च स्तरीय जांच करा कर निलंबित करते हुए लॉटरी सिस्टम से दुकान आवंटन करने की प्रक्रिया की जाए या इस प्रकार घृत कार्य करने वाले के साथ उचित कार्रवाई की जाए।
वही लगभग दो दर्जन ग्रामीण कोटेदार के दरवाजे पर बैठकर 9:00 बजे सुबह से 12:00 बजे तक इंतजार करते रहे की कब कोटेदार आएंगे और हमें राशन मिलेगा जिससे हम समय से अपने घर पहुंच सके वैसे राशन की दुकानों पर कार्ड पहले से ही जमा करा लिया जा रहा है और लगभग प्रत्येक व्यक्ति को तीन से चार दिन दौड़ने के बाद ही राशन मुहैया कराया जा रहा है मनमाने ढंग से दुकान का खोलना राशन कम देना । कोटेदारों के लिए ग्रामीणों के संग खेल खेलने के बराबर हैं। उमस भरी गर्मी वह बारिश के मौसम में इंतजार करना बीमारी फैलाने के बराबर है।
इस संबंध में सप्लाई इंस्पेक्टर शशिकांत मौर्य द्वारा बताया गया कि आज मशीन नहीं चल रही थी जिसके वजह से वितरण नहीं हो पाया यदि कोटेदार द्वारा ग्रामीणों को नहीं बताया गया तो यह गलत है सूचनाएं दुकान पर या तो चस्पा करें या किसी व्यक्ति विशेष द्वारा अवगत कराएं।