मुख्यमंत्री जी का ड्रीम प्रोजेक्ट अधूरा,पूरे नगर में घूमते निराश्रित गोवंश।
शासन से इन गौंवंशों के लिए अच्छा-खासा धन खर्च करने के बावजूद नतीजा सिफर पंचायत प्रशासन मौन।
अशोक मद्धेशिया
संवाददाता
चोपन/सोनभद्र। पहले की तरह इन दिनों पूरे नगर में निराश्रित गायों का घूमना बदस्तूर जारी है चाहे रामलीला मैदान का सब्जी मंडी, मुख्य राज्य मार्ग मेन मार्केट, कैलाश मंदिर, रेलवे कॉलोनी एवं इसी तरह से नगर के सभी हिस्सों में निराश्रित गायों का घूमते एवं लड़ते हुए देखा जा सकता है इसके लिए दोषी कौन हैं।
सूत्रों की माने तो इसके लिए सर्वप्रथम इन गायों के स्वामी मूलरूप से ईश्वरीय द्रष्टि,मानवीय दृष्टि से पूर्ण रूपेण दोषी हैं जब तक गाय दुध देती हैं तब तक इन्हें खूंटे से बांधकर दूध का सेवन करते हैं इसके बाद जब गाय दूध देना बंद कर देती हैं तो ऐ गाय स्वामी बिना मोह-माया के छुट्टा छोड़ देते हैं जो पुरे नगर में चारा के लिए विचरण करते रहती हैं ऐ सब्जी मंडी किसी सब्जी विक्रेता की अगर सब्जी खा लेती हैं तो नुकसान होने के कारण सब्जी विक्रेता छुटटा लाठी चलाकर मारते हैं जिससे ऐ गाये बेतहाशा भागने लगती है और सब्जी मंडी में सब्जी लेकर जा रहें महिला- पुरुष इनके चपेट में आकर चोटिल हो जाते हैं।और सब्जी विक्रेता की लाठी खाकर गाये भी चोटिल हो जाती हैं कुछ गाय और बैल मरखैल टाइप की होती है सीधे जाते हुए महिला,पुरुष बच्चों को पीछे सिंघ लगाकर उठाकर पीछे से पटक देती हैं जिससे बिना कसूर व्यक्ति बेडरेस्ट या हासपिटलाईज हो जाते हैं।
विगत कुछ माह पूर्व पंचायत अधिशासी अधिकारी महेंद्र सिंह ने स्वयं अपनी देखरेख में इन निराश्रित गायों पंचायत कर्मियों से पकड़वाकर इनके सही गौशाला भेजवाया था।
जिससे इन निराश्रित गायों एवं सड़क पर चल रहें लोगों के जान-माल की सुरक्षा हो सकें और शासन की छवि सरकार में बनी रहें।