सोनभद्र

श्री श्री नर्वदेश्वर मंदिर पर चल रहे सप्तदिवसीय श्री राम कथा का पूजन-अर्चन के साथ हुआ समापन।

जाकी रही भावना जैसी प्रभु मूरत देखी तिन तैसी राम सियाराम सियाराम जय जय राम।

अशोक मदेशिया
संवाददाता
चोपन/सोनभद्र। आदर्श नगर पंचायत क्षेत्र अंतर्गत स्थित गढ़ईडीह प्रीतनगर श्री नर्वदेश्वर मंदिर परिसर में आयोजित सप्तदिवसीय रामकथा का समापन दिन सोमवार को हो गया।अंतिम दिन कथा स्थल
पर महाप्रसाद का वितरण किया गया। मंदिर परिसर में आयोजित संगीतमय रामकथा में साध्वी लक्ष्मी किशोरी जी द्वारा श्रद्धालुओं को रामकथा का रसपान कराया जा रहा था। उन्होंने लंका में प्रभु श्रीराम द्वारा रावण वध की लीला पर प्रकाश डालते हुए बताया कि सब कुछ ज्ञात होने के बाद भी श्री राम के हाथों मृत्यु पाकर रावण ने मोक्ष प्राप्त किया। रावण वध के उपरांत श्री राम लंका का राजपाट विभीषण को सौंप कर पुष्पक विमान से अयोध्या वापस लौटते है। उनके अभिन्न भक्त हनुमान उनके साथ आते हैं। जोरदार जयकारों के साथ अयोध्या में श्री राम का राज्याभिषेक किया गया। कथा में संगीतमय राम भजनों का गायन भी उन्होंने किया। कथा सुनने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु नर्वदेश्वर मंदिर में पहुंचे। आखरी दिन होने की वजह से बड़ी संख्या में आसपास के ग्रामीण इलाकों के रामभक्त भी कथा सुनने आए।शाम को कथा समापन के उपरांत समिति द्वारा महाप्रसाद का वितरण किया गया। वहीं कार्यक्रम के दौरान समिति के अध्यक्ष सुनील सिंह ने साध्वी लक्ष्मी जी को अंगवस्त्र व स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया साथ ही समिति के पदाधिकारियों को भी अंगवस्त्र एवं स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया अंत में कथा में सभी सहयोगियों सहित समस्त श्रद्धालुओं का आभार व्यक्त किया।
इस मौके पर बारमती देवी, आर पी राम,प्रदीप अग्रवाल,शेर खान, उस्मान अली,बालेश्वर सिंह, सतनाम सिंह, दिनदयाल सिंह, अभिषेक दूबे,धर्मेन्द्र जायसवाल, विकास सिंह छोटकू,रघुराईभारती चंद्रकांत सिंह,सहित सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु पुरुष-महिलाओं ने रामकथा का आत्मसात एवं श्रवण किया।

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