भगवान की भक्ति में ही है शक्ति-माँ ध्यानमूर्ति जी।
हे जग के पालनहार तेरी लीला अपरंपार रंक हुए राजा तेरे द्वार तेरी लीला अपरंपार, ह्लीं भाग्य निलीयाये नमः।
अशोक मद्धेशिया
संवाददाता
चोपन /सोनभद्र । प्रीतनगर स्थित नर्मदेश्वर महादेव पराम्बा शक्ति पीठ में चल रहें सप्त दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा के तृतीय दिवस भगवान के लाडले भक्त धुर्व, प्रह्लाद नरसिंह अवतार की कथा श्रवण करवाई गई वृन्दावन से पधारीं पूज्य गुरु मां ने कहा मनुष्य को दिखावा न करते हुए भगवान को सच्चे हृदय से याद करना चाहिए कथा के दौरान बताया कि महाराज मनु एवं उनकी धर्मपत्नी सतरूपा के 2 पुत्र और 3 पुत्रियां हुई पुत्रों के नाम प्रियव्रत और उत्तानपाद राजा उत्तानपाद की 2 रानियां थीं सुनीति और सुरुचि राजा सुरुचि से अधिक प्रेम करते थे उनके पुत्र का नाम उत्तम और सुनीति के पुत्र का नाम धुर्व था अपनी माता से मिले संस्कारों के कारण मात्र 5 वर्ष की अवस्था में कठिन तप करके भगवान को प्रगट किया बालक की प्रथम गुरु मां होती है और माँ चाहे तो बच्चे को भगवत भक्त बना सकती है हमे अपने बच्चों को अच्छे संस्कार देने चाहिए गुरु मां ने कहा कि भागवत कथा आम जनमानस को सही मार्ग दिखाती है भक्ति मैं दृणता होनी चाहिए जैसे धुर्व और प्रह्लाद की भक्ति मैं थी प्रह्लाद की भक्ति की दृणता ही थी जो पत्थर के खम्भे मैं से भगवान को नर्सिंग का अवतार लेकर प्रगट होना पड़ा कल कथा के चौथे दिन भगवान बाल कृष्ण का जन्मोत्सव मनाया जायेगा ।
इस शुभ अवसर पर धर्मेंद्र जायसवाल,विनोद सिंह,बारमती देवी, हंसराज शुक्ला, दीनदयाल सिंह,मोमबहादुर ,लालजी मिश्रा,आर पी राम,लाल बाबू सिंह, रघुराई भारती,नागेंद्र विश्वकर्मा आदि मौजूद रहे।