एड्स दिवस पर साईं हॉस्पिटल में गोष्ठी का हुआ आयोजन

एड्स दिवस पर साईं हॉस्पिटल में गोष्ठी का हुआ आयोजन
-:बीमारी के प्रति लोगों को किया गया जागरूक, बचाव हेतु दी गई जानकारी
सोनभद्र:विश्व एड्स दिवस पर 1 दिसंबर को स्वास्थ्य विभाग एवं साईं हॉस्पिटल के संयुक्त तत्वाधान में जिला मुख्यालय स्थित रावर्टसगंज में गोष्ठी का आयोजन किया गया। इसमें साईं हॉस्पिटल के बच्चों तथा स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों ने प्रतिभाग किया। गोष्ठी में एड्स रोग के प्रति जहां लोगों को जागरूक किया गया वहीं इसके बचाव के बारे में जानकारी प्रदान की गई ।
इस दौरान डॉ संजय सिंह ने बताया कि एड्स एक जानलेवा बीमारी है इसका बचाव ही सबसे अच्छा साधन और उपचार है। उन्होंने कहा कि एड्स रोग को लेकर स्वास्थ्य विभाग काफी संजीदा है और समय-समय पर इस रोग के प्रति जागरूकता लाई जाती है ।जिससे इस रोग पर नियंत्रण लगाया जा सके।
डॉक्टर संजय सिंह के मुताबिक एचआईवी संक्रमित व्यक्ति के साथ असुरक्षित यौन संबंध बनाने और संक्रमित ब्लड चढ़ाने व इंजेक्शन लगाने से एड्स रोग होने की संभावना अधिक रहती है। इसके अलावा यदि कोई महिला एचआईवी संक्रमित है तो उससे होने वाला बच्चा भी संक्रमित हो जाता है ।यह एक ऐसी बीमारी है जिसके शुरुआती दिनों में किसी प्रकार के लक्षण सामने नहीं आते , बल्कि कुछ वर्षों के बाद इस बीमारी के लक्षण उभर कर आते हैं जिसे लोग समझ नहीं पाते ।एड्स रोग के लक्षण के बारे में जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि रोगी को बुखार आता हो और शाम के समय पसीना आना, ठंड लगना ,थकान महसूस होना, उल्टी आना, गले में खराश रहना, सांस लेने में समस्या होना व मांसपेशियों में दर्द होना और शरीर पर चकत्ते पड़ना आदि प्रमुख लक्षण है। आयोजित गोष्ठी में डॉ सर्वेश कुमार, डॉ परवेज अहमद, ज्योत्सना मंडल, दिनेश कुमार, सज्जाद,रोली पाल, संतोष सिंह, नगमा अंसारी, सुनीता तिवारी, श्यामलाल समेत अन्य लोग शामिल रहे।
एड्स से बचाव-:एचआईवी संक्रमित व्यक्ति के साथ सुरक्षित शारीरिक संबंध बनाए, खून को चढ़ाने से पहले जांच लें और 1 से ज्यादा लोगों के साथ यौन संबंध बनाते समय कंडोम का प्रयोग अवश्य करें, उपयोग किए हुए इंजेक्शनो व टीके का दोबारा उपयोग न करें, अगर मां एचआईवी संक्रमित हो तो संस्थागत प्रसव कराएं। ऐसा करने से एड्स बीमारी से बचा जा सकता है।