उत्तर प्रदेश

सोन साहित्य संगम की उपलब्धियों के बारे में हुई चर्चा

सोन साहित्य संगम की उपलब्धियों के बारे में हुई चर्चा
घोरावल(पी डी)सोन  के निदेशक मिथिलेश प्रसाद द्विवेदी “मधु” ने सोमवार को घोरावल क्षेत्र के विभिन्न इलाकों में दौरा कर इलाके के वरिष्ठ साहित्यकारों, कवियों व नवोदित लेखकों व कवियों से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने उदीयमान कवियों व लेखकों को साहित्य में अभिरुचि के लिए प्रोत्साहित किया और उन्हें सोन साहित्य संगम की उपलब्धियों के बारे में बताया और कहा कि यह संस्था नए लेखकों व कवियों को एक महत्वपूर्ण मंच उपलब्ध कराता है।
वरिष्ठ साहित्यकार डॉ परमेश्वर दयाल श्रीवास्तव “पुष्कर” के आवास पर मिथिलेश द्विवेदी “मधु” ने पत्रकारों से वार्ता करते हुए बताया कि महान साहित्यकार आचार्य रामचंद्र शुक्ल के प्रपौत्र स्व. योगेश शेखर की प्रेरणा से उन्होंने साहित्यकार राकेश शरण मिश्रा के साथ मिलकर 15 जुलाई सोन साहित्य संगम की स्थापना की। इस संस्था का उद्देश्य सोनभद्र जनपद के गुमनाम व युवा साहित्यकारों, कवियों को मंच प्रदान करने के लिए और उनकी साहित्यिक प्रतिभा को निखारने के लिए उन्हें मंच प्रदान करना है।गुमनाम व नवांकुर कवियों व लेखकों को मंच उपलब्ध कराने हेतु संस्था के कार्यालय में प्रत्येक माह के आखिरी रविवार को विचार गोष्ठी व काव्य गोष्ठी का आयोजन किया जाता है।हिंदी दिवस पर एवं हिंदी

पखवाड़े के साथ ही महान साहित्यकारों व कवियों के जन्मदिन पर उनकी स्मृति में विचार गोष्ठी व काव्य गोष्ठी का आयोजन समय समय पर किया जाता है।इसके अलावा जनपद के विभिन्न स्थानों पर भी साहित्यिक आयोजन कराए जाते हैं।अपनी उपलब्धियों से यह संस्था न केवल सोनभद्र अपितु उत्तर प्रदेश व आस पास के क्षेत्रों की नवोदित प्रतिभाओं के लिए मील का पत्थर साबित हो रहा है।इस अवसर पर राजेंद्र अग्रवाल, रामअनुजधर द्विवेदी आदि लोग रहे।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button