सरकार के स्वच्छता अभियान के दौरान भी रोना रो रहा खण्डहर बना बिल्लीमारकुंडी के सामुदायिक शौचालय

सरकार के स्वच्छता अभियान के दौरान भी रोना रो रहा खण्डहर बना बिल्लीमारकुंडी के सामुदायिक शौचालय
संवाददाता अनिल कुमार अग्रहरि डाला/सोनभद्र- सरकार के स्वच्छ भारत अभियान के तहत गांवों को ओडीएफ घोषित कराने पहले तो अधिकारियों व ग्रामीणों ने कोई कसर नहीं छोड़ी, गांव-गांव स्वच्छता जागरुकता के ढोल पीटे, घर,घर शौचालय तैयार कराए, गांवों में जश्न मनाया गया और अधिकारियों सहित ग्रामीणों ने सरकारी तमगा हासिल कर खूब वाहवाही भी लूटी। लेकिन निर्माण के दौरान भ्रष्टाचार की भेंट चढ़े ये शौचालय महज कुछ ही महिनों में ही ढोल की पोल बनकर स्वच्छता अभियान को मुंह चिढ़ाते नजर आ रहे हैं। अब ग्रामीणओं ने इन शौचालयों में शौच जाना तो बंद कर ही दिया है और सुना सुना पड़ा शौचालय नशा खोरी वालो ने जम कर अपना रोटी सेका। लोगो के उपयोग लायक न रह जाने से जब लोग आना बंद कर दिए तो चोरो ने उसे छति पहुचानी सुरु कर दी और आज खण्डहर बन कर पड़ा शौचालय विकाश को मुह चिढा रहा है । सरकार द्वारा इस अभियान का उद्देश्य अगले पांच वर्ष में स्वच्छ भारत का लक्ष्य प्राप्त करना है। स्वच्छ भारत अभियान की दृष्टि से यहां पिछड़ा क्षेत्र आयोग अनुदान निधि योजना ग्राम बिल्लीमारकुंडी में सामुदायिक शौचालय निर्माण सन 08/09/2015 को ग्राम पंचायत विकाश अधिकारी अरुण उपाध्याय के नेतृत्व में किया गया था । जो भ्रस्टाचार का भेट चढ गया। ग्राम सभा मे बॉडी टोला स्थित सेवा सदन स्कूल के पास लाखो रुपये की लागत से बना शौचालय से स्थानीय लोगों में खुशी की लहर देखने को मिली कि अब गन्दगी गांव में नही होगी। जहां पंचायत द्वारा समर्सिबल पम्प भी लगाए गए थे । उसी के साथ साथ एक आवाश भी सुरक्षा की दृष्टि से बनाई गयी । जो भरस्टाचार की भेंट का जीता जागता नमूना बन कर रह गया । देखा जाय तो बिल्ली मारकुंडी ग्राम सभा मे शौचालय के नाम पर खाना पूर्ति ही दिखाई दे रही है । वर्तमान ग्राम पंचायत विकाश अधिकारी व ग्राम प्रधान के लिए बॉडी अछूता सा टोला बन कर रहा गया है । जहा विकाश के नाम पर लोग अपने को दूर कर लेते है । फोन उठाना भी उन्हें जहमत लगता है वही स्थानीयों का कहना है कि यह शौचालय सफाई कर्मचारी या स्वीपर की देख रेख में चालू कराया जाय । जिससे चोरी का भय न रह जाय।ग्रामीणों द्वारा उक्त आशय की जानकारी जब अपने क्षेत्रीय ओबरा विधायक संजीव जी को 28 मई के दिन दिया गया था इस सम्बन्ध में विधायक द्वारा तुरंत ही डी.पी.आर.ओ. को सूचित करते हुए उसे चालू कराने की बात कही गयी । इससे क्षेत्र में खुशी का माहौल रहा । पर आज 20 दिन बीत जाने के बावजूद भी आशा की किरण नजर नही आया। तो इस सम्बंध में ग्राम विकाश अधिकारी सुनील पाल जी से सम्पर्क करना चाहे तो उन्होंने फोन उठाना की उचित नही समझा। वस्तुतः आशा पर निशारा दिखने लगी।