गरीब कल्याण रोजगार योजना में सोनभद्र क्यों नहीं जबाब दे भाजपा सरकार- आइपीएफ
गरीब कल्याण रोजगार योजना में सोनभद्र क्यों नहीं जबाब दे भाजपा सरकार- आइपीएफ
पूरे जिले में दर्ज कराया प्रतिवाद, बीडीओ के माध्यम से पीएम को भेजा मांग पत्र
अनपरा(उमेश कुमार सिंह) सोनभद्र, आज पीएम नरेन्द्र मोदी द्वारा गरीब कल्याण रोजगार अभियान के प्रदेश में उद्घाटन के अवसर पर पूरे जिले के हर ब्लाक में खण्ड़ विकास अधिकारियों के माध्यम से प्रधानमंत्री को पत्रक भेजकर आल इंडिया पीपुल्स फ्रंट व मजदूर किसान मंच ने सर्वाधिक पिछड़े देश के बीस जिलों और प्रदेश के पांच जिलों में आने वाले आदिवासी दलित बाहुल्य सोनभद्र जिले को इसमें शामिल नहीं करने पर प्रतिवाद दर्ज कराया। इस अवसर पर नेताओं ने आरएसएस-भाजपा की सरकार और जनपद के सांसदों व विधायकों से सवाल पूछा कि वह बताएं कि जनपद के प्रवासी मजदूरों को इस योजना में शामिल न करके क्यों बेसहारा छोड़ दिया गया। पत्रक देने के कार्यक्रम का म्योरपुर में कृपा शंकर पनिका, राजेन्द्र प्रसाद गोंड़, दुद्धी में मंगरू प्रसाद गोंड़, पूर्व बीडीसी रामदास गोंड़, बभनी में इंद्रदेव खरवार, चतरा में जितेन्द्र धांगर व जितेन्द्र गुप्ता, नगंवा में कुंज बिहारी, घोरावल में कांता कोल, श्रीकांत सिंह व अमर सिंह गोंड़, राबर्ट्सगंज में महेन्द्र प्रताप सिंह और चोपन में जितेन्द्र चेरों आदि ने नेतृत्व किया।
पत्रक में कहा गया कि सोनभद्र में शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, शुद्ध पेयजल, आवागमन के साघनों और उन्नत खेती का नितांत अभाव है। यहां जो बड़े उद्योग है भी तो उनमें स्थानीय निवासियों को रोजगार नहीं मिलता। परिणामस्वरूप इस जनपद से बड़े पैमाने पर ग्रामीण मजदूर पलायन करते है और कोरोना महामारी में वह वापस लौटकर अपने घर आए है। रोजगार के अभाव में इन प्रवासी मजदूरों के परिवारों के सामने जिंदा रहने का ही संकट हो गया है उन्हें भी रोजगार नहीं मिल रहा है। प्रवासी श्रमिकों को एक हजार रूपए और राशन किट का भी लाभ नहीं मिल सका है। अब प्रदेश सरकार ने मुफ्त मिल रहे राशन को जुलाई माह से देने पर भी रोक लगा दी है। मनरेगा में जो काम भी हो रहा है उसकी हाजरी नहीं चढ़ रही और न ही मजदूरी का ही भुगतान हो रहा है।
इस स्थिति में पत्रक में यहां के लोगों की जिदंगी बचाने के लिए केन्द्र व राज्य सरकार से सर्वाधिक पिछड़े सोनभद्र व चंदौली जनपद को इस योजना में शामिल करने और मनरेगा में कराए जा रहे कामों की हाजरी चढाने और बकाया मजदूरी के तत्काल भुगतान व मुफ्त राशन को तीन माह और बढ़ाने की मांग की गयी।