उत्तर प्रदेश

मनुष्य जाति से नहीं कर्मों से होता है ऊंचा- आशु

मनुष्य जाति से नहीं कर्मों से होता है ऊंचा- आशु

1-चाचा नेहरू पार्क में मनाई रविदास जी की जयंती

2-उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले के गोवर्धन पुर गांव के रहने वाले थे रविदास जी

3-अच्छे विचारक एवं अच्छी सोच के धनी थे रविदास जी

 

आज दिनांक 27-02-2021 को भारतीय युवा कांग्रेस के पूर्व- जिला अध्यक्ष आशुतोष कुमार दुबे (आशु) की अध्यक्षता में युवाओं ने राबर्ट्सगंज विधानसभा के नगर राबर्ट्सगंज के चाचा नेहरू पार्क में रविदास जी की जयंती मनाई और उनको याद किया । आशु दुबे ने कहा कि अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के राष्ट्रीय महासचिव/ प्रभारी उत्तर प्रदेश माननीय प्रियंका गांधी जी आज वाराणसी में रविदास जी की जन्म स्थली वाराणसी में उनकी जयंती मनाने के लिए आई हुई है हम लोग आज सोनभद्र में उनको याद कर रहे हैं,। संत शिरोमणि कवि रविदास का जन्म माघ पूर्णिमा को 1376 ईस्वी को उत्तर प्रदेश के वाराणसी शहर के गोबर्धनपुर गांव में हुआ था। उनकी माता का नाम कर्मा देवी (कलसा) तथा पिता का नाम संतोख दास (रग्घु) था। उनके दादा का नाम श्री कालूराम जी, दादी का नाम श्रीमती लखपती जी, पत्नी का नाम श्रीमती लोनाजी और पुत्र का नाम श्रीविजय दास जी था। माघ मास की पूर्णिमा को जब रविदास जी ने जन्म लिया वह रविवार का दिन था जिसके कारण इनका नाम रविदास रखा गया।रविदासजी चर्मकार कुल से होने के कारण वे जूते बनाते थे। ऐसा करने में उन्हें बहुत खुशी मिलती थी और वे पूरी लगन तथा परिश्रम से अपना कार्य करते थे।

संत रविदासजी बहुत ही दयालु और दानवीर थे। संत रविदास ने अपने दोहों व पदों के माध्यम से समाज में जातिगत भेदभाव को दूर कर सामाजिक एकता पर बल दिया और मानवतावादी मूल्यों की नींव रखी। रविदासजी ने सीधे-सीधे लिखा कि

‘रैदास जन्म के कारने होत न कोई नीच, नर कूं नीच कर डारि है, ओछे करम की नीच’

यानी कोई भी व्यक्ति सिर्फ अपने कर्म से नीच होता है। जो व्यक्ति गलत काम करता है वो नीच होता है। कोई भी व्यक्ति जन्म के हिसाब से कभी नीच नहीं होता। संत रविदास ने अपनी कविताओं के लिए जनसाधारण की ब्रजभाषा का प्रयोग किया है। स्वामी रामानंदाचार्य वैष्णव भक्तिधारा के महान संत हैं। संत रविदास उनके शिष्य थे। संत रविदास तो संत कबीर के समकालीन व गुरूभाई माने जाते हैं। स्वयं कबीरदास जी ने ‘संतन में रविदास’ कहकर इन्हें मान्यता दी है। युवा नेता श्रीकांत मिश्रा ने कहा कि रविदास जी संत रविदास जी की सोच विचार से हम लोग को सीख लेनी चाहिए और सबको समान भाव से ही देखना चाहिए युवा नेता सूरज वर्मा ने कहा कि रविदास संत रविदास जी की जो सोच थी उन्होंने उस समय अपने वाणी से अपनी सोच से लोगों की भावना को विचारों को बदलने का काम किया युवाओं को भी इस पर ध्यान देना चाहिए और अच्छे कार्य कर कर्म करने चाहिए मुख्य रूप से उपस्थित रहने वालों में दीपक कोहली ,ओमकार पांडे ,ओम प्रकाश राम,अंशु मद्धेशिया, सहदाब आलम, रितिक, सूरज कुमार, अनिल चौबे,सलमान,अनिल बियार,जगदीश गुप्ता ,साबिर खान उपस्थित रहे ।

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