उत्तर प्रदेश

सार्वजानिक क्षेत्रों के निजीकरण, बढ़ती मंहगाई और किसानों, मजदूरों के सवाल को लेकर वाममोर्चा और ट्रेड यूनियनों ने संयुक्त रुप से कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन किया

सोनभद्र।सोमवार को कम्युनिस्ट पार्टी और श्रमिक संगठनों के राष्ट्रव्यापी आवाहन पर जनपद में भी भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी और विभिन्न श्रमिक संगठनों के कार्यकर्ताओं ने जिलाधिकारी कार्यालय पर जोरदार प्रदर्शन करते हुए सार्वजनिक क्षेत्रों के निजीकरण पर रोक, पेट्रोलियम पदार्थों व रसोई गैस की बढ़ती कीमतें पर रोक,पुराने श्रम कानून को वापस लाने और किसान विरोधी तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग करते हुए सरकार की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ नारेबाजी करते हुए घरना दिया।
जहां कम्युनिस्ट नेता कामरेड आर के शर्मा जी ने संबोधित करते हुए कहा कि देश के बिगड़ते हालात की जिम्मेदार केंद्र में असीन मोदी सरकार है, जो शासन, प्रशासन के द्वारा सत्ता का विकेंद्रीकरण, केंद्रीयकरण करने के बजाय व्यावसायीकरण और निजीकरण कर आमादा है। देश की संपदा और सार्वजनिक क्षेत्रों का बेखौफ निजीकरण कर रही है और देश की संपत्ति को चंद कारपोरेट घरानों के हाथों में गिरवी रखती जा रही है। जिसे कत्तई बर्दास्त नहीं किया जा सकता है। देश के अवाम को एकजुट होकर इस सरकार की तानाशाही रवैए को रोकने की जरूरत है। कामरेड नन्द लाल आर्या ने कहा आज देश के अंदर सरकार की गलत नीतियों के चलते अफरा तफरी का माहौल है, हर व्यक्ति बेरोजगारी और रोजी-रोटी के लिए जूझ रहा है, किसान, मजदूर, नौजवान परेशान है, उसके हक हुकूक पर सीधे डाका डाला जा रहा है, संवैधानिक अधिकारों का खुलेआम हनन किया जा रहा है। अब समय आ गया है कि हमें देशहित,राष्ट्रहित के लिए एका बना कर सरकार से दो दो हाथ करने की जरूरत है।
घरने को अन्य वक्ताओं में
मजदूर नेता कामरेड विश्वम्भर सिंह ,अवधराज सिंह, सुरेंद्र पाल,योगेन्द्र प्रसाद ,हरदेव नारायण तिवारी,हरेंद्र पांडेय और शमीम अख्तर खान आदि नेताओं ने भी संबोधित किया।
जिलाधिकारी कार्यालय पर वाममोर्चा और एटक,सीटू और इंटक के कार्यकर्ताओं ने सरकार के जनविरोधी नीतियों के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और महामहिम राष्ट्रपति महोदय के नामित आठ सूत्रीय मांग पत्र को जिलाधिकारी को सौंपा।
सौंपे गए ज्ञापन में सार्वजनिक क्षेत्रों को बेचना बंद किया जाय और युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराया जाए। पेट्रोल,डीजल,रसोई गैस की बढ़ती कीमतों और बढ़ती मंहगाई पर तत्काल रोक लगाया जाए।कारपोरेट घरानों को लाभ पहुंचाने के लिए आम आदमी पर आर्थिक बोझ लादना बंद किया जाय। देश के किसानों के हित में तीनों कृषि कानूनों को तत्काल प्रभाव से रद्द किया जाए।जनपद में उच्च शिक्षा और बेहतर चिकित्सा के लिए केंद्रीय कैमूर विश्वविद्यालय और एम्स जैसे संस्थान की स्थापना कराया जाए और वनविभाग द्वारा आदिवासियों के किये जा रहे शोषण, उत्पीड़न पर तत्काल रोक लगाई जाए जैसे मांगों को प्रमुखता से उठाया गया।
इस अवसर पर अशोक कुमार कनौजिया(एडवोकेट), अमरनाथ सूर्य, प्रेमचंद गुप्ता, संजय रावत, गुलाब प्रसाद निडर, चंदन प्रसाद पासवान, रामरक्षा,मोहम्मद कलीम, मोहम्मद हनीफ,नजमा खातून, उमाशंकर यादव, कामरेड लाल चंद्र, कामरेड शिव कुमार उपाध्याय, मुन्ना मलिक, बानी बनर्जी,अंबेलाल महतो, उज्जवल गांगुली,मुस्ताक अहमद,गणेश सिंह, हीरालाल भारती और उदय मालवीय आदि सैकड़ों की संख्या ट्रेड यूनियन और कम्युनिस्ट कार्यकर्त्ता मौजूद रहे।।

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