बैंक कर्मियों और दलालों की मिलीभगत से₹210000/- का हुआ फ्रॉड
बैंक कर्मियों और दलालों की मिलीभगत से₹210000/- का हुआ फ्रॉड
करमा (मुस्तकीम खान)करमा थाना क्षेत्र के करमा बाजार स्थित इलाहाबाद यूपी ग्रामीण बैंक जो कि (आर्यावर्त बैंक हो गया है) के कर्मचारी और दलालों की मिलीभगत से बैंक से ₹210000/- के फ्रॉड का मामला सामने आया है। काशीनाथ मौर्य पुत्र शंभू नाथ मौर्य निवासी खजुरा गांव थाना अलीनगर जिला चंदौली (वर्तमान पता- ग्राम सिरविट टोला गनेश पुर, थाना करमा जिला सोनभद्र) ने ग्राम सिरविट थाना करमा जिला सोनभद्र ने आ. नं.75 रकबा 1.2610 का बैनामा से खरीदे थे। जिसको जोतने बोने के लिए प्रार्थी के पिता ने सिरविट निवासी रमाशंकर मौर्य पुत्र हरिराम को जोतने बोने के लिए वर्ष 2004 में दे दिए थे। वर्ष 2016 में प्रार्थी के पिता की मृत्यु होने के बाद रमाशंकर मौर्य से जमीन छुड़ाकर दूसरे को जोतने बोने के लिए। जब दिनांक 10.06.2020 को आर्यावर्त बैंक के शाखा कर्मा के कर्मचारी मौके पर जाकर ऋण बकाया होने और चुकता करने की बात करने लगे तब प्रार्थी को जानकारी हुआ और बैंक में जाकर पता किए तो मालूम चला कि
रमाशंकर का साला रामविलास पुत्र मेवा निवासी परही, तिलौली कला, थाना घोरावल, जनपद सोनभद्र ने अपना फोटो लगाकर जाली एवं कूट चरित अन्य पहचान का दस्तावेज तैयार करा कर 2014 में प्रार्थी के पिता शंभूनाथ मौर्य के नाम से स्वयं को प्रदर्शित करते हुए ₹210000/- कार्य स्वीकृत करा लिए। और ₹1h49000/- प्राप्त भी कर लिए हैं जिसकी अदायगी शेष है। प्रार्थी ने पत्रों को देखने के बाद बैंक मैनेजर से शिकायत की फोटो और हस्ताक्षर शंभूनाथ मौर्य का नहीं है यह रामविलास का है। तो बैंक मैनेजर ने भोले की जो पूर्व के मैनेजर करके गए हैं वह जाने आप पैसा पूरा जमा करिए नहीं तो आप की जमीन नीलामी कर दी जाएगी। प्राची घबराकर थाना करमा को सूचना दिया परंतु कोई कार्यवाही नहीं की गई। कार्रवाई ना होने पर प्रार्थी ने पुलिस अधीक्षक सोनभद्र को प्रार्थना पत्र दिया जिस पर तुरंत कार्रवाई करते हुए सीओ घोरावल को जांच का
आदेश दिए। जानकारी देते हुए काशीनाथ मौर्य ने बताया कि अगर बैंक के कर्मचारी बकाया वसूलने नहीं आते तो हमें पता भी नहीं चलता। खोजबीन करने पर पता चला की 2017 में सरकार द्वारा ₹100000/- माफ भी हुआ है। उन्होंने यह भी कहा कि इसमें जो भी दोषी पाए जाते हैं उनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई होनी चाहिए ताकि वह किसी और के साथ ऐसा ना कर सके।