बिटिया के विदाई के पहले उठी पिता की अर्थी
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सोनभद्र:राबर्ट्सगंज ब्लाक के मुसही के चरका टोला गांव में शुक्रवार की रात करीब 11 बजे कन्यादान से कुछ ही देर पहले ही पिता की मौत हो गई। शहनाई मातम के स्वर में बदल गई। ससुराल जाने की खुशी में सजी संवरी कन्या पिता के मरने की सूचना सुन अचेत हो गई।
बड़े अरमानों से बेटी की डोली विदा करने की तमन्ना जिस पिता ने की थी, वह डोली विदा होते नहीं देख सका। बेटी की दुल्हन के रूप में विदाई के वक्त ही पिता की अर्थी भी उठी। एक तरफ पिता की अर्थी तो दूसरी तरफ बेटी की डोली उठते देख लोग अपने आंसुओं को रोक नहीं पाए। परिवार के लोगों पर तो मानो दुःखों का पहाड़ सा टूट पड़ा हो। क्या घराती, क्या बराती सभी इस गमगीन माहौल को देख स्तब्ध थे।
यह हृदय विदारक दृश्य था शनिवार की सुबह सोनभद्र जिला मुख्यालय से करीब छह किमी दूर चुर्क के मुसही चरका टोला की। यहां एक तरफ बेटी की डोली उठ रही थी तो दूसरी तरफ परिवार के लोग पिता की अर्थी उठाने के लिए अस्पताल पहुंचे थे। दरअसल, चरका टोला निवासी (65) रामप्रवेश यादव अपनी बेटी की शादी मिर्जापुर में तय की थी। तीन-चार दिन पहले तिलकोत्सव में वहां गए थे। वापस आए तभी से तबीयत खराब हो गई। उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। शादी की तिथि 23 अप्रैल यानी शुक्रवार को थी। रात में जब बरात आई तो रामप्रवेश की हालत ज्यादा खराब हो गई। जयमाल की रस्म होते-होते हालत इतनी खराब हुई कि उनकी सांसे थम गईं। मरने से पहले तक वह बेटी के कन्यादान की बात कहते रहे, लेकिन होनी को भला कौन टाल सकता है। किसी तरह से शादी संपन्न हुई, लेकिन सुबह जब लोगों को पता चला तो माहौल गमगीन हो गया एक तरफ बेटी की डोली उठ रही थी तो दूसरी तरफ परिवार के लोग पिता की अर्थी उठाने के लिए अस्पताल पहुंचे। दुल्हन बनी बेटी को जब पिता की मौत की जानकारी हुई तो वह अचेत हो गई। घराती व बराती इस गमगीन माहौल को देख स्तब्ध थे। अर्थी उठने के बाद ही बेटी की विदाई की गई