सोनभद्र आदिवासियों की बेदखली पर लगे रोक- दिनकर घघरा के आदिवासी वासुदेव खरवार के मामले में डीएम को पत्र भेज तत्काल कार्यवाही की मांग
उमेश कुमार सिंह ,
बभनी, सोनभद्र, 12 जुलाई 2020, बभनीके ग्राम सभा घघरा में आदिवासी वासुदेव खरवार को उसकी पुश्तैनी जमीन से ग्राम प्रधान व लेखपाल द्वारा बेदखल करने के मामले में आल इंडिया पीपुल्स फ्रंट के नेता दिनकर कपूर ने डीएम को पत्र भेजकर तत्काल इस पर रोक लगाने की मांग की है. पत्र की प्रतिलिपि सीएम, प्रमुख सचिव गृह, राजस्व, मंडलायुक्त व एसपी को भी आवश्यक कार्यवाही हेतु भेजी गई है.
पत्र में कहा गया कि आदिवासी वासुदेव खरवार का परिवार पिछले करीब सौ वर्षों से ज्यादा समय से ग्रामसभा घघरा के चकेलवा टोला में दो बीघा जमीन पर खेती किसानी करता रहा है और आबाद है. इस जमीन को ग्राम प्रधान ने साजिशन सरकार की एक गांव एक बाग योजना में आवंटित करा दिया. परिणामस्वरूप उसके यहां जब तीन दिन पहले पौधारोपण करने प्रधान, लेखपाल आदि गए तब इसे ज्ञात हुआ कि उसकी जमीन ग्रामसभा में है. तत्काल ही वासुदेव खरवार ने 10 जुलाई 2020 को उपजिलाधिकारी दुद्धी को पत्रक दिया और उनसे अपने परिवार की जीवन रक्षा के लिए इस बेदखली पर रोक लगाने का अनुरोध किया. परन्तु कल से ग्राम प्रधान ने पुनः कार्य शुरू करवा दिया.
पत्र में अवगत कराया गया कि दुद्धी तहसील में जमीन संबंधी विवाद कई रूपों में मौजूद है. कई जगहों पर जमीने आदिवासी जोत रहे हैं जिन्हें सर्वे के दौरान अन्य जाति के लोगों ने अपने नाम करा लिया. वनाधिकार कानून का अनुपालन नहीं हुआ था और हमारे संगठन आदिवासी वनवासी महासभा के द्वारा हाईकोर्ट में दाखिल की गई जनहित याचिका के बाद ही इसका पुनः निरीक्षण का कार्य शुरू हुआ है. इसी प्रकार आदिवासी अनपढ़ होने के कारण बहुत सारी जगह जमीनों पर जिन पर बसे हैं उन्हें अपने नाम दर्ज नहीं करा पाए. ऐसी स्थिति में राज्य का यह कर्तव्य था कि वह इन जमीनों को उनके नाम कराता या इस जमीन संबंधी विवाद के हल का प्रयास करता. आपसे पूर्व जिलाधिकारी रहे सी. बी.सिंह जी ने इस दिशा में पहल की थी और दुद्धी तहसील में बहुत सारी जमीनें आदिवासियों को प्राप्त हुई थी.
वासुदेव खरवार के भी इस मामले में अगर आप देखें उत्तर प्रदेश राजस्व संहिता की धारा 125 ग्राम सभा की भूमि प्रबंधन समिति जिसका अध्यक्ष ग्राम प्रधान होता है उसका अधिकार निर्धारित करती है कि वह ग्राम सभा की जमीन पर जो लोग बसे हैं उनके नाम उसे आवंटित करें और यदि वह लोग अनुसूचित जाति व जनजाति के हैं तो जमीन आवंटन में उन्हें प्राथमिकता दें. इस विधिक कर्तव्य को पूरा करने की जगह ग्राम प्रधान जो वास्तव सूद पर पैसा चलाता है, भ्रष्टाचार में लिप्त है और उसके खिलाफ ग्रामीणों ने कई बार आपके और उत्तर प्रदेश शासन के स्तर पर प्रत्यावेदन दिया है. यहाँ तक इस पर हाईकोर्ट में दाखिल मुकदमें में हुए आदेश के बाद जांच भी हुई लेकिन आजतक कोई कार्यवाही नहीं हुई. इस प्रशासनिक के सहयोग के कारण उसका मनोबल बढ़ा हुआ है और उसने गाँव के लेखपाल के साथ मिलकर आदिवासी वासुदेव खरवार की पुश्तैनी जमीन को फर्जी ढंग से एक गाँव एक बाग योजना में दे दिया.
पत्र में कहा गया कि स्वत: संज्ञान याचिका 564/2020 में माननीय इलाहाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश ने कोरोना महामारी में यह आदेश किया हुआ है कि किसी भी व्यक्ति को बेदखल नहीं किया जाएगा. कोरोना महामारी में रोजगार के अभाव में आदिवासियों की हालत बेहद खराब है और वह भुखमरी के शिकार हैं. ऐसी स्थिति में यदि वासुदेव खरवार व उनके परिवार को जिस जमीन पर वे निर्भर हैं, अपनी आजीविका चलाते हैं उनसे बेदखल किया जाता है तो उनकी भुखमरी से मृत्यु भी हो सकती है.
डीएम से निवेदन किया गया कि उपरोक्त मामले को संज्ञान में लेकर तत्काल प्रभाव से दुद्धी एसडीएम को निर्देशित करें कि वह घघरा गांव में हो रही आदिवासी वासुदेव खरवार की बेदखली पर रोक लगाएं और ग्राम प्रधान समेत जिन राजस्व अधिकारियों ने उसे बेदखल किया है उनके खिलाफ कठोर कार्यवाही करें साथ ही आप अपने स्तर पर ग्राम प्रधान घघरा के भ्रष्टाचार की जांच भी कराने कष्ट करें.
भवदीय
दिनकर कपूर
ऑल इंडिया पीपुल्स फ्रंट
नेता स्वराज अभियान
9450153307
दिनांक- 12.07.2020
प्रतिलिपि सूचनार्थ एवं आवश्यक कार्यवाही हेतु
1. माननीय मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश 2. प्रमुख सचिव गृह उत्तर प्रदेश शासन लखनऊ.
3. प्रमुख सचिव राजस्व उत्तर प्रदेश शासन लखनऊ.
4. मंडलायुक्त विंध्याचल मंडल मिर्जापुर.
5. पुलिस अधीक्षक सोनभद्र.