आदिवासी परंपरा के अनुसार महारानी दुर्गावती की मनाई गई जयंती
दुद्धी(रवि सिंह)कस्बे के मल्देवा गांव में स्थित महारानी दुर्गावती स्थल पर आज सोमवार को महारानी दुर्गावती का जयंती मनाया गई।महारानी दुर्गावती गढ़ मंडला की गोंड़ वंश की रानी थी उनके जन्मदिन के अवसर पर सबसे पहले 52 गढ़ 57 परगना के देवी देवताओं का आह्वान कर बड़ा देव का सुमिरन कर आदिशक्ति का पूजन के साथ शुरुआत हुआ। जयंती के अवसर पर कोविड-19 के कारण सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए संक्षिप्त रूप से आदिवासी भाइयों के बीच कार्यक्रम किया गया। इस अवसर पर नशा मुक्ति त्यागने शिक्षा पर विशेष जोर देने स्वच्छता भारत मिशन के तर्ज पर नशा त्यागने का आह्वान किया गया जिसे सभी उपस्थित जनों ने समर्थन किया।कार्यक्रम के मुख्य अतिथि अखिल भारतीय आदिवासी महासंघ के राष्ट्रीय सचिव नगीना सिंह व ममता सिंह धुरिया ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि हमारा समाज तभी जगेगा जब लोग नशे का परित्याग करेंगे।
अखिल भारतीय आदिवासी महासंघ के जिला अध्यक्ष व कार्यक्रम संयोजक फौजदार सिंह परस्ते ने कहा कि आज आदिवासी समाज का गौरवशाली इतिहास रहा है और अपने गौरवशाली जीवन की संरचना के साथ आदिवासी आज भी अपना कर्तव्य निभा रहा है। आदिवासी समाज शिक्षा के बगैर अपनी समाज का विकास नहीं कर सकता। इसलिए हम सभी को शिक्षा पर विशेष जोर दिया जाना चाहिए ताकि हमारे समाज का पूर्व विकास हो सके।कार्यक्रम की अध्यक्षता फौदर सिंह परस्ते ने किया।
इस मौके पर मुख्य रूप से अशर्फी सिंह,सुखई पोया,सुरेंद्र रंगीला, मुन्ना उरेटी, रामसूरत सिंह,विष्णु सिंह,ललित सिंह,रामफल,अरविंद, सुखदेव,संगीता प्रेम,मानकुंवर, सुविन्दा, नीरज,रमाशंकर, बिरझन राम,अवधेश पोया,शिवानी,दिव्या सिंह,अनिल सिंह, सत्यनारायण, ब्रजेश, सत्येंद्र, रामशरण सहित अन्य कई लोग मौजूद रहे।।कार्यक्रम का संचालन अरविंद सिंह परस्ते ने किया ।
बैरखड़ में मनाई गई रानी दुर्गावती जयंती
दुद्धी।दुद्धी ब्लॉक क्षेत्र के बैरखड़ गांव में मंगलवार को रानी दुर्गावती जयंती मनाई गई।आदिवासी परम्परा के साथ पूजन अर्चन कर महारानी दुर्गावती प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर जन्मदिन मनाई गई और लोगों ने महारानी दुर्गावती के पद चिन्हों पर चलने का संकल्प लिया।इस दौरान पूर्व ग्राम प्रधान अमर सिंह, लालमोहन, भीम सिंह, रामकिशुन,बीरबल सिंह,छोटेलाल, हरिकिशुन, रामदेव सहित अन्य मौजूद रहे।