उत्तर प्रदेश

लापरवाही:पंचायत सदस्य के प्रत्याशियों का चुनाव चिन्ह बैलेट पेपर से गायब

UP पंचायत चुनाव में चूक ! चोपन ब्लॉक के घोरिया क्षेत्र पंचायत सदस्य के प्रत्याशियों का चुनाव चिन्ह बैलेट पेपर से गायब,

पंचायत चुनाव का हाल: क्षेत्र पंचायत सदस्य का चुनाव चिन्ह ‘गायब’

किसकी मानी जाए लापरवाही ब्लॉक के कर्मचारियों की या जिला के आला अधिकारियो की

सालो की मेहनत पर फिरता दिख रहा पानी -उम्मीदवार

जुगैल (संवाददाता )-त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव चल रहा हैं और आखिरी चरण में वोटिंग हो रही है. इस दौरान लापरवाहियों की खबरें भी सामने आ रही हैं, जिससे चुनाव आयोग सवालों के घरे में है. सोनभद्र के चोपन ब्लॉक के घोरिया में मतदान के दौरान जब प्रत्याशियों को पता चला कि बैलेट पेपर में उनका चुनाव चिन्ह ही नहीं है तो मतदान केन्द्र पर अधिकारियो से काफी कहा सुनी हुई l आरोप है मतदान के लिए लाए गए क्षेत्र पंचायत सदस्य के मतपत्रों पर केवल 3 प्रत्याशियों के चुनाव चिन्ह थे, जबकि 1 प्रत्याशी के चुनाव चिन्ह गायब थे.क्षेत्र पंचायत सदस्य पद के चौथे उम्मीदवार बोखे पिता फेकू का कहना है की ब्लॉक से हमें चुनाव निशान ईटा मिला था जब हमारे मतदाता मतदान करने पोलिंग बूथ पर गए तो हमारा चुनाव चिन्ह गायब मिला जब हमने पीठासीन अधिकारी से बात की तो उनका कहना था की जो हमें जिला से मिला है वही लेकर आया हु जब सेक्टर मजिस्ट्रेट में बात किया गया तो उन्होंने बताया की भांग संख्या 20 में इनकी वोटिंग हो रही है लेकिन भांग संख्या 20 कहा है हमें भी पता नहीं है l इसी तरह की खबर ग्राम पंचायत चतरवार से भी आ रही है l क्षेत्र पंचायत सदस्य पद के उम्मीदवार सुनील सिंह का भी चुनाव निशान वार्ड 11व 12 में नहीं आया l बैलेट पेपर नमूने की बात की जाय तो चौथे नंबर पर चकरी चुनाव निशान आता है जबकि चौथे नंबर व आखिरी नंबर के प्रत्याशी को ब्लॉक से 5 नंबर का चुनाव निशान ईटा दिया गया l आखिर कार यह लापरवाही किसकी मानी जाए अगर फार्म में कोई गड़बड़ी थी तो जांच में क्यों सत्य दिखाया गया अगर फार्म सही है तो चुनाव निशान कहा गायब हो गया आप को बताते चले की घोरिया से वार्ड संख्या 1से 5 तक व सरेहवा से वार्ड 11से 15 तक एक क्षेत्र पंचायत में आता है जबकि चौथे उम्मीदवार का चुनाव निशान ही गायब है l ओबरा एस डी एम ने अस्वाशन देते हुए कहा की चोपन ब्लॉक पर एक प्रार्थना पत्र के माध्यम से अवगत करा दिया जाए l उम्मीदवार का कहना है की हमने भी फार्म भरा है टेजरी चालान स्टाम्प नोटरी आदि करवाई है हमारे साथ निर्वाचन आयोग अन्याय कर रहा है सालो की मेहनत पर पानी फिर रहा है अगर हमारी सुनवाई नहीं हुई तो हमें कोर्ट का सहारा लेना पड़ेगा l

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