उत्तर प्रदेश

प्रतिबंध के बावजूद रिहंद जलाशय से मारी जा रही मछलियां, विभाग मौन

प्रतिबंध के बावजूद रिहंद जलाशय से मारी जा रही मछलियां, विभाग मौन

बीजपुर(बग्गासिंह)शासनादेश के रोक के बावजूद गोबिंद बल्लभ पन्त सागर (रिहंद जलाशय) में धड़ल्ले से मारी जा रही है मछलियां।सरहंग, दबंग किस्म के मछली माफियाओं को जब ग्रामीण मना करते है तो जवाब होता है कि हमारा सीधे विभाग से सम्पर्क है, शिकायत कर कोई क्या बिगाड़ लेगा।जुलाई, अगस्त दो महीने का समय प्रजनन का होता है जो शासन द्वारा प्रतिबंधित होता है।ग्रामीणों ने जिलाधिकारी से जाँच कराकर दोषियो पर कार्यवाई किए जाने की मांग की है।क्षेत्रीय लोगो कि माने तो सरकार का सख्त शासनादेश है कि मछलिया दो माह प्रजनन में होती हैं, इनको मारा न जाय बल्कि इनका संरक्षण करे लेकिन मछली माफियाओं द्वारा शासनादेश की धज्जियां उड़ाते हुए रिहंद जलाशय के शाहपुर, शक्तिनगर, चनावल, धुम्मा डाँड़ के स्थानों से बड़े पैमाने पर नाव के द्वारा जाल से मछलियां मारी जा रही है।ग्रामीणों का आरोप है कि मछली माफियाओं द्वारा बाहर से नाव मंगाकर उक्त स्थानों पर सायं 4 बजे से जाल डोरी फैला दी जाती है और सुबह 7 बजे तक मछली मारने का कार्य होता है।उक्त स्थानों से मछलियों को बिंध्य नगर के गहिलगढ़ में एकत्रित करके आस पास के मंडियो में धड़ल्ले से बेचा जा रहा है।ग्रामीणों की मांग है कि दो माह जुलाई, अगस्त में मछली न मारी जाय लेकिन मछली माफियाओं के आगे सब बौने साबित हो रहे है।इतना ही नही पिकअप द्वारा अन्य मंडियों में भी मछली मारकर पहुचाया जा रहा है।ग्रामीणों का आरोप है की इन माफियाओं पर मत्स्य विभाग के उंच्चाधिकारियो का बरदहस्त प्राप्त है नही तो किसकी मजाल की परीन्दा पर मार सके।बताया जाता है कि मछली माफिया दबंग ब्यक्ति है जिनका काफी दबदबा है।इनके भय से किसी के बोलने कि हिम्मत नही होती।बरसात के समय में मछलियां उतरा कर किनारे आ जा रही है जिससे मछली मारने वालो को और आसानी हो जा रही है।अगर मछली मारने पर जल्द रोक नही लगाई गई तो अंडे से होने वाली बढ़ोतरी रुक जाएगी।लंबे चौड़े क्षेत्रफल में फैला रिहंद जलाशय का अस्तित्व जलीय जंतुओं का धीरे धीरे खत्म होने लगेगा।बताया जाता है कि इस जलाशय का ठेका मत्स्य बिभाग के द्वारा करोड़ो रुपए में किया जाता जो टर्म कंडीशन में दो महीने बन्द रखने के निर्देश उसी समय दिया जाता है जिसका अनुपालन नही होता।विभाग से मिलकर यह गोरखधंधा प्रतिवर्ष होता है।जिससे सरकार के राजस्व की छति होती है और माफिया व विभाग के लोग मालामाल हो रहे है।क्षेत्रीजनो ने जिलाधिकारी से जाँच करवा कर कार्यवाई किए जाने की मांग की है।इस बाबत जब ए डी एफ मत्स्य विजय पाल से जानकारी ली तो उन्होंने बताया कि जिलाधिकारी सोनभद्र के द्वारा सभी थानों को पत्र जारी कर रोक लगाए जाने के लिए निर्देशित किया गया है।उन्होंने लम्बा चौड़ा क्षेत्र होने का जिक्र कर असमर्थता जताई।

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