उत्तर प्रदेश

वृद्ध की मौत पर कंधा देने पहुँचे उर्जान्चल खाना बैंक के टीम

वृद्ध की मौत पर कंधा देने पहुँचे उर्जान्चल खाना बैंक के टीम

अनपरा (umesh Kumar singh)सोनभद्र के पकरी गाँव के आदिवासी रामसुंदर गोड़ की खनन माफियाओं और स्थानीय पुलिस प्रशासन की मिलीभगत से की गई हत्या के संबंध में पूर्व आईजी और ऑल इंडिया पीपुल्स फ्रंट के राष्ट्रीय प्रवक्ता एसआर दारापुरी द्वारा आज दिन भर ली गई पहलकदमीआज सुबह से ही दारापुरी जी ने डीजीपी उत्तर प्रदेश, पुलिस आईजी बनारस, डीआईजी मिर्जापुर को ट्वीट कर इस हत्या के मामले में अवैध बालू खननकर्ताके नाम को शामिल करने, पीड़ित परिवारों पर लगे मुकदमे को खत्म करने, एफआईआर दर्ज न करने वाले पुलिस अधिकारियों विशेषकर उपक्षेत्राधिकारी दुद्धी सोनभद्र के खिलाफ कार्रवाई करने और इस मुकदमे में एससी एसटी एक्ट की धारा को शामिल करने के लिए ट्वीट किया. ये बात उन्होंने एसपी सोनभद्र से भी कहीं है.उन्होंने मानवाधिकार आयोग को पत्रक ई-मेल द्वारा भेजा और अभी उत्तर प्रदेश में विपक्षी दल समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को और कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी को ट्वीट कर उनसे इस आंदोलन का समर्थन करने और आदिवासी रामसुदंर गोंड़ की हत्या करने वालों के खिलाफ कार्यवाही करने की मांग करने की अपील भी की है.गौरतलब हो कि सोनभद्र जनपद में इसी तरह पिछले दिनों पुलिस और प्रशासन की मदद से भू माफियाओं द्वारा उभ्भा गांव में आदिवासियों का नरसंहार किया गया था और पकरी गांव में हुई राम सुंदर गोंड की हत्या उभ्भा कांड की ही पुनरावृति है.यहां भी पुलिस प्रशासन के सहयोग से बालू खनन माफियाओं ने हत्या को अंजाम दिया.लाश को

गड्ढा खोदकर गाड़ दिया गया.लाश 23 मई को बरामद हुई लेकिन आईपीएफ द्वारा 5 जून को पत्रक भेजने के बाद ही एफआईआर दर्ज हो पाई और उसमें भी एससी एसटी का मुकदमा कायम नहीं किया गया. अभी भी प्रशासन पीड़ितों को ही उत्पीड़न करने में लगा है. हालत इतनी बुरी है कि प्रशासन ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट तक परिवारजनों को नहीं दी और महज एफआईआर दर्ज करने की न्यायोचित मांग के कारण पकरी गांव के प्रधान मंजय यादव समेत आदिवासियों को ही जेल भेज दिया गया. जिसमें 12 साल का राजू और दो और नाबालिक बच्चे हैं. मृतक के परिवार का उत्पीड़न करने के लिए ही 48 नामजद लोगों को जिसमें मृतक के तीनों पुत्रों उनकी पत्नियों और नाबालिक बच्चे और बच्चियों को नामजद अभियुक्त बना दिया गया है.इसलिए हमारा देश के लोकतांत्रिक मूल्यों में आस्था रखने वाले हर व्यक्ति और संगठनों से निवेदन है कि वह सोनभद्र में आदिवासियों पर जारी इस ज्यादती के खिलाफ खड़े हो और राम सुंदर गोंड के हत्यारों को सजा दिलाएं.

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