अमन का गीत गुन गुनाएँगे, एकता की फसल उगाएंगे, आज लहराएंगे तिरंगे को, आज गीत खुशी के गाएंगे…….
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सेराजुल हुदा
दुद्धी / सोनभद्र | स्थानीय कस्बा दुद्धी के तहसील प्रांगण मे कौमी एकता समिति के तत्वावधान मे शनिवार की रात 38 वां अखिल भारतीय कवि सम्मेलन एवं मुशायरा का आयोजन किया गया, जिसमे कस्बा दुद्धी सहित ग्रामीण क्षेत्रों से हजारों की संख्या मे लोगों ने कवियों द्वारा पढ़ी गयी कविता, गज़ल,हास्य व्यंग्य का भरपूर लुत्फ उठाया | कार्यक्रम के मुख्य अतिथि समाज कल्याण, अनुसूचित जाति एवं जनजाति विकास विभाग उप्र के राज्य मंत्री संजीव कुमार गोंड, विशिष्ट अतिथि के रूप में क्षेत्रीय विधायक राम दुलार गोंड, भाजपा जिलाध्यक्ष नंदलाल जी व ब्लाक प्रमुख म्योरपुर मानसिंह गोंड रहें। अध्यक्षता नगर पंचायत अध्यक्ष दुद्धी कमलेश मोहन ने की। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि सहित अन्य अतिथियों द्वारा मां सरस्वती के चित्र का अनावरण, पुष्पअर्पण व दीप प्रज्वलन कर किया गया। तत्पश्चात समिति द्वारा मुख्य अतिथि, समारोह अध्यक्ष, विशिष्ट अतिथि के रुप में पधारे अतिथियों सहित आमंत्रित कविगण को माल्यार्पण, बैच अलंकरण व अंगवस्त्रम से सम्मानित किया गया।
मुख्य अतिथि समाज कल्याण राज्य मंत्री संजीव गोंड़ व विधायक रामदुलार गोंड़ द्वारा विभिन्न क्षेत्रों में सराहनीय कार्य करने वाली 5 शख्सियतों को सम्मान पत्र व अंगवस्त्रम से नवाजा गया। इसमें सहकारिता क्षेत्र में विशेष कार्य करने वाले सेवानिवृत्त सचिव विंध्यवासिनी प्रसाद को उत्कृष्ट कार्य करने, व्यावसायिक शिक्षा के क्षेत्र से वंदना श्रीवास्तव व म्योरपुर के रजनीश श्रीवास्तव, दूरदर्शन में सेवा दे रहे इशहाक खान, धनौरा गांव निवासी अध्यापक संतोष सिंह के बेटे आर्यवीर सिंह को हाईस्कूल में 98 प्रतिशत नंबर लाने जैसी मेधावी छात्र शामिल रहे। मुख्य अतिथि, समारोह अध्यक्ष, मुख्य संरक्षक सहित अधिवक्ता पत्रकार व समाज के अन्य बुद्धिजीवी वर्ग के लोग देर रात तक कवियों की रचनाओं को सुनकर भरपूर लुत्फ उठाए। प्रतापगढ़ से पधारी कवित्री प्रीति पांडेय ने हंसवाहिनी, ज्ञानदायिनी कर दो कृपा महान, छेड़ दो मां वीणा की तान जैसे सरस्वती वंदना से काव्य पाठ से कभी सम्मेलन का आगाज हुआ। इसके बाद कोरबा छत्तीसगढ़ से पधारे हास्य पैरोडी के कवि हीरामणी वैष्णव, काशी से पधारे इमरान बनारसी, बिहार से पधारे राष्ट्रीय कवि शम्भू शिखर ने मोबाईल युग पर व्यंग करते हुए पढ़ा कि दूल्हा बेचारा रील बनाने में रह गया, दुल्हन ने फेरे पंडित जी के साथ ले लिए,।
कवियत्री प्रीति पांडेय ने सरहद पर गए फौजी को याद करने वाली उसकी पत्नी की दर्द को बयां की।टूंडला से पधारे हास्य व्यंग्य के कवि लटूरी लट्ठ ने मूंछ पे ताव लगाते घूमें, छप्पर पे नहीं फूंस रहे हैं, कपड़े नए सिला नहीं पाए, वही पुराने ठूंस रहे हैं, एमपी से पधारे ओज रस के कवि अभिराम पाठक ने भारत माता के सैनिक जब सीमाओं पर जाते हैं, ममता के आंचल से चलकर मां का कर्ज चुकाते हैं जैसी देशभक्ति रचना सुना कर काव्य संध्या को ऊंचाई प्रदान की। देवरिया से आये मनमोहन मिश्रा ने अम्न कतरा रहा है आने से, फायदा क्या नगर बसाने से, रोक सकती नहीं हवा मुझको, एक दिया प्यार का जलाने से सुनाकर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।
कार्यक्रम का संचालन वरिष्ठ पत्रकार मु.शमीम अंसारी व काव्य संध्या का संचालन कमलेश राजहंस ने किया। आयोजन समिति के अध्यक्ष वरिष्ठ अधिवक्ता रामलोचन तिवारी ने जहां स्वागत भाषण दिया वहीं मुख्य संरक्षक रविंद्र जायसवाल ने लोगों के प्रति आभार प्रकट किया। कार्यक्रम में मुख्य रूप से जुबेर आलम, डॉ केके चौरसिया, मदन मोहन तिवारी, कुलभूषण पांडेय, अमरनाथ जायसवाल, देवेश मोहन, भीम जायसवाल, फतेहमुहम्मद खान, दीपक तिवारी, वरिष्ठ पत्रकार प्रमोद कुमार, सभासद राकेश आजाद, रिजवान, बालकृष्ण, नीरज, अभिनव बिट्टू, राजू शर्मा, सहित भारी संख्या में श्रोतागण उपस्थित थे। कार्यक्रम मे सुरक्षा की दृष्टि से प्रभारी निरीक्षक दुद्धी नागेश सिंह रघुवंशी व महिला थानाध्यक्ष सविता सरोज अपने अधीनस्थ पुलिसकर्मियों के साथ मौजूद रहें ।