जिला जेल मुख्य मार्ग के मध्य घाघर नदी पुलिया का अस्तित्व खतरें में।
प्रशासनिक भारी वाहनों का वर्जित बोर्ड लगने के पश्चात भी भारी वाहनों का आवागमन जारी है

सरफुद्दीन संवाददाता सलखन
सलखन सोनभद्र।चोपन थाना परिक्षेत्र के अन्तर्गत मारकुंडी मुख्य राज मार्ग से जिला जेल गुरमा मुख्य मार्ग मध्य घाघर नदी पर बना हुआ पुल काफी पुराना जर्जर होने के कारण इसका अस्तित्व खतरें में है।
राजकीय चुर्क सीमेंट फैक्ट्री सन् 1960 दशक पूर्व के जमाने का घाघर पुलिया पुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई है। जगह जगह पुल में दरारें के साथ नीचे से सरिया भी दिखाने लगी है। जिससे भारी वाहनों के आवागमन से रात दिन खतरा बना रहता है। जब कि घाघर पुल के साथ साथ मारकुंडी मुख्य राज मार्ग से गुरमा जिला जेल मुख्य मार्ग तक सम्पुर्ण मार्ग गढ्डों में तब्दील हो गई है जब कि इसी रास्ते से जिला कारागार बंदियों के वाहनों के साथ जिला के आला अधिकारियों का भी आवागमन होता रहता है। लेकिन आज तक किसी भी विभागीय अधिकारियों के निगाहें आज तक नहीं पड़ी ।जब कि घाघर पुलिया के पास ही भारी वाहनों का आवागमन वर्जित का बोर्ड भी लगा हुआ है। इसके बावजूद भी भारी वाहनों का आवागमन जारी है। इसे लेकर कभी भी किसी दिन बड़ी दुर्घटनाओं से इंकार भी नहीं किया जा सकता है।
उक्त सम्बंध में जेपी एसोसिएट्स गुरमा सम्बंधित विभागीय अधिकारी जय ज्योति इण्टर कालेज के प्रधानाचार्य जिला कारागार के सम्बंधित विभागीय अधिकारी समेत तेजधारी यादव पूर्व प्रधान एवं जिला पंचायत सदस्य, श्रवण कुमार पूर्व प्रधान,मदन मोहन यादव,अमित सिंह,एस के गुप्ता उधम सिंह यादव प्रधान मारकुंडी इत्यादि लोगों ने सम्बंधित विभागीय अधिकारियों समेत समाचार पत्रों के माध्यम से भी दर्जनों बार अवगत कराने के पश्चात भी आज तक कोई पहल नहीं हुई।
इस सम्बंध में जिलाधिकारी से स्थलीय निरीक्षण करा कर उचित कार्रवाई की मांग किया गया है।