उत्तर प्रदेशलखनऊ

विद्युत कर्मचारियों के लिए वर्कर्स फ्रंट की अपील

उमेश कुमार सिंह

विद्युत कर्मचारियों के लिए वर्कर्स फ्रंट की अपील
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आज 18 अगस्त को विद्युत कर्मचारी संगठनों द्वारा विद्युत संशोधन विधेयक 2020 और पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण के खिलाफ जो विरोध आयोजित किया गया है वर्कर्स फ्रंट उसका पूरी ताकत से समर्थन करता है।

वर्कर्स फ्रंट का यह स्पष्ट मानना है कि वित्तीय पूंजी के सक्रिय सहयोग से आरएसएस और भाजपा की सरकार भारतीय अर्थ नीति का पुनर्संयोजन कर रही है और देशी-विदेशी कारपोरेट घरानों के हितों को पूरा करने के लिए देश की राष्ट्रीय संपत्ति को बेचने में लगी हुई है। इसी दिशा में बिजली, कोयला, रेल, बैंक, बीमा बीएसएनएल, भेल समेत तमाम सार्वजनिक उद्योग जो पिछले 70 सालों में विकसित हुए और जिनके जरिए आम जनमानस को बड़े पैमाने पर राहत पहुंचाई गई उसका निजीकरण किया जा रहा है। यहां तक कि हमारे महत्वपूर्ण खनन स्रोत तेल आदि को भी बेचा जा रहा है। कौन नहीं जानता की पूर्ववर्ती सरकार की ऐसी ही निजीकरण की लूट भरी योजनाओं में हुए भारी भ्रष्टाचार के कारण पैदा जनाक्रोश का लाभ उठाते हुए आरएसएस और भाजपा की सरकार 2014 में सत्ता में आई थी और आज वह इसे और भी जोर शोर से अंजाम दे रही है।

इन्हीं स्थितियों में बिजली क्षेत्र का भी निजीकरण इस सरकार का महत्वपूर्ण एजेंडा बना हुआ है। कारपोरेट की चाकरी की हद यह हो गई कि कर्मचारियों और जनता के आक्रोश का सामना न करना पड़े इसलिए चोर दरवाजे से चुपचाप भारत सरकार के ऊर्जा मंत्री ने लखनऊ का जुलाई माह में दौरा किया और निजीकरण की दिशा में चीजों को बढ़ाने का काम किया। इसे ट्रेड यूनियन नजरिए से महज नौकरशाही की करतूत मानना भारी भ्रम होगा और कर्मचारियों को इससे सावधान रहना होगा।

हम आपसे अपील करना चाहते हैं कि बिजली के निजीकरण के सवाल को आरएसएस-भाजपा के कारपोरेट हितों को पूरा करने के संपूर्ण प्रोजेक्ट के बतौर देखना और इसके अनुरूप अपने आंदोलन की रणनीति तय करना वक्त की जरूरत है। हम यह भी अपील करते हैं कि सिर्फ फैक्ट्रियों के गेट और कार्यालयों के बाहर सांकेतिक आंदोलन का दौर खत्म हो गया है। इसलिए हमें निजीकरण के परिणाम स्वरूप जनता को होने वाले अहित व नुकसान के बारे में बड़े पैमाने पर जन संवाद कायम करना होगा और निजीकरण के सवाल को एक बड़ा राजनीतिक प्रश्न बनाना होगा, इसके लिए राजनीतिक गोलबंदी करनी होगी। हमें इन जनविरोधी व राष्ट्र विरोधी नीतियों को लागू करने वाली आरएसएस-भाजपा की सरकार को सत्ता से हटा देने के लिए खुद को और जनता को तैयार करना होगा ताकि निजीकरण के रोड रोलर की दिशा को बदला जा सकें।
आपका साथी

दुर्गा प्रसाद
सेवानिवृत्त अधिशासी अभियन्ता उ. प्र. पावर कारपोरेशन
उपाध्यक्ष, यूपी वर्कर्स फ्रंट.

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