ऑनलाइन शिक्षक दिवस समारोह में छात्रों में दिखा अलौकिक उत्साह
ऑनलाइन शिक्षक दिवस समारोह में छात्रों में दिखा अलौकिक उत्साह
शक्तिनगर(वली अहमद सिद्दीकी)संतजोसेफ विद्यालय, शक्तिनगर के छात्रों ने शिक्षक दिवस के अवसर पर अपने शिक्षकों के प्रति अपने अनूठे प्रेम का निदर्शन ऑनलाइन तकनीकि के सहयोग से किया। कार्यक्रम में कक्षा एलकेजी से बारहवीं तक के छात्रों ने गीत, नृत्य, कवितापाठ, भाषण, नाटक, छायाचित्रप्रदर्शनी, इत्यादि विभिन्न विधाओं के माध्यम से अपनी भावनात्मक आकर्षक प्रस्तुति दी। कार्यक्रम का शुभारंभ कक्षा छः की छात्रा तृषा ने अपनी प्रार्थना से किया, जिसमें कोरोना महामारी से शिक्षकों के सुरक्षित जीवन की सारस्वत मंगलकामना की। प्रार्थना नृत्य जाह्नवी, शताक्षी, अपराजिता, अपूर्वा तथा राधिका ने प्रस्तुत कर सबको मंत्रमुग्ध कर दिया तो अंशुमान, अथर्व, दिव्या, स्तुति, अर्जुन, आद्या एवं काव्या ने काव्यपाठ करके अपनी भावनाओं का प्रदर्शन किया। रिधिमा व अनीना ने अपने भाषण के माध्यम से शिक्षकों को कोरोना वारियर्स के रूप में प्रस्तुत किया। विद्यालय के कैप्टन ने कार्यक्रम की मनमोहक प्रस्तुति में अपनी स्पीच के द्वारा चार चाँद लगा दिए। अंशिका, शिखा, कोमल, पलक, स्मृति, सुहानी, रोमिका ने आधुनिक तौर तरीकों से डांस के जलवे बिखेरकर विद्यालयीय अवकाश की कमी को दूर कर शिक्षकों को उत्साहित करने का अभूतपूर्व प्रयत्न किया। जिज्ञासा, अवनि, सत्यम, आद्या, अर्जुन, समृद्धि व काव्या ने मधुर गीतों से मन को झंकृत कर शानदार उपस्थिति दर्ज की।
प्रधानाचार्य फादर आर्चीबाल्ड डिसिल्वा ने अपने वक्तव्य में शांतिदूत मदर टेरेसा व डॉ० सर्वपल्ली राधाकृष्णन को याद करते हुए सिस्टर्स व शिक्षकों को शिक्षक दिवस की अनेकशः हार्दिक बधाइयाँ देते हुए कहा कि यह दिवस हमें संदेश देता है कि हमें मानवीय मूल्यों को आत्मसात कर जगत-कल्याण के लिए शिक्षकों के प्रति समर्पण की भावना से जुटकर यथासंभव अपना शताधिक योगदान देना होगा तभी विश्वगुरु भारत की एकता, अखंडता व ज्ञानमहिमा का मंडन का लक्ष्य साकार हो सकेगा।
शिक्षक प्रतिनिधि जिम्मी थॉमस ने सभी को शिक्षक दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ दीं एवं प्रधानाचार्य जी के उत्साह की सराहना करते हुए छात्रों के प्रति व समस्त शिक्षकों के प्रति अपना आभार ज्ञापित किया।
कार्यक्रम के सफल आयोजन में छात्रों के अभूतपूर्व कौशल निष्ठा के साथ शिक्षक टाइटस क्रास्ता व शिक्षिका अंकिता का विशेष सहयोग रहा, तो तकनीकी क्रियान्वयन में शिक्षक मृत्युंजय सिंह ने अपना योगदान दिया।