उर्जांचल मे विद्यालयो द्वारा बच्चो को आनलाईन क्लासेज से बाहर किये जाने के मामले ने पकडा तुल,
वली अहमद सिद्दीकी,
सोनभद्र
• उर्जांचल मे विद्यालयो द्वारा बच्चो को आनलाईन क्लासेज से बाहर किये जाने के मामले ने पकडा तुल, मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक-मिर्जापुर से हस्तक्षेप की मांग।
• विद्यालयो द्वारा फीस जमा न किये जाने के आधार पर बच्चो को आनलाईन क्लासेज से बाहर किये जाने के मामले ने पकडा तुल।
• फीस जमा नही करने के आधार पर किसी भी विद्यालय द्वारा छात्रो को आनलाईन पठन-पाठन से वंचित किया जाना विधि विरुध्द -पंकज मिश्रा
:- कोविड-19 के संक्रमण पर रोकथाम हेतु भारत सरकार द्वारा किये गये लाकडाउन ने जहां आम आदमी के जन-जीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है वही दुसरी ओर आम लोगो के सामने आर्थिक तंगी रुपी एक विकराल समस्या मुंह उठाये खडी है। आम आदमी इन परिस्थितियो मे जब जीवन व्यापन हेतु जद्दो-जहद कर रहा है ऐसी स्थिति मे निजी विद्यालयो द्वारा बगैर नियमित क्लास चलाये ही आनलाईन क्लास के आधार पर बच्चो के अभिभावको से पुर्ण फीस जमा किये जाने हेतु बनाया जा रहा दबाव अब आम आदमी के लिये एक नई मुसीबत बन चुका है। हालात यह है कि उर्जांचल परिक्षेत्र के विद्यालयो द्वारा फीस जमा नही होने के आधार पर हजारो बच्चो को आनलाईन क्लासेज के संचालन हेतु बनाये गये व्हाटसप ग्रुप्स से बाहर कर पठन-पाठन से वंचित कर दिया गया है और विद्यालय से नाम काटने की धमकी दी जा रही है।
स्कुलो के फीस का मामला देश के साथ-साथ प्रदेश मे भी गर्माया हुया है जगह-जगह अभिभावक आन्दोलनरत है व न्यायालयो का दरवाजा खटखटा रहे है इसी मुद्दे पर इलाहाबाद उच्च न्यायालय मे दाखिल एक जनहित याचिका जिसमे निजी विद्यालयो को लाकडाउन अवधि की पुर्ण फीस व अभिवहन शुल्क लिये जाने से रोके जाने की मांग की गयी थी पर राज्य सरकार की ओर से बताया गया कि उत्तर प्रदेश शासन की ओर दिनांकः-07 अप्रैल, 2020 व 15 मई, 2020 को अलग-अलग शासनादेश जारी कर सभी निजी विद्यालयो को पुरी फीस व ट्रांसपोर्टेशन फीस नही लिये जाने का निर्देश जारी कर दिया गया है उक्त शासनादेशो के क्रम मे जिला विद्यालय निरीक्षक-सोनभद्र द्वारा कोई निर्देश जारी नही किये जाने से उर्जांचल मे फीस व ट्रांसपोर्टेशन फीस को लेकर उहापोह की स्थिति बनी हुई है इसी बीच जिला विद्यालय निरीक्षक द्वारा उत्तर प्रदेश शासन द्वारा जारी दिनांकः-04 जूलाई, 2020 को जारी शासनादेश को संलग्न कर पत्र जारी करते हुये शासनादेश के अनुपालन हेतु सभी विद्यालयो के प्रबन्धको व प्रधानाचार्यो को निर्देश जारी किया गया है जिसमे सुस्पष्ट है कि लाकडाउन के कारण उत्पन्न विषम परिस्थितियो के कारण जो अभिभावक विद्यालयो की फीस देने मे असमर्थ है के द्वारा एक लिखित आवेदन विद्यालय के प्रधानाचार्य/प्रबन्धन के समक्ष दिया जायेगा व विद्यालय फीस के बाबत् किश्तो मे भुगतान हेतु आवश्यक पहल करेगा परन्तु किसी भी परिस्थिति मे फीस जमा नही होने के आधार पर किसी भी छात्र को आनलाईन पठन-पाठन से वंचित नही किया जायेगा तथा ना ही किसी छात्र का विद्यालय से नाम काटा जायेगा, इस स्पष्ट निर्देश के बाद भी उर्जांचल के कई निजी विद्यालयो द्वारा कई छात्रो को आनलाईन क्लासेज के व्हाटसप ग्रुप्स से निकालते हुये आनलाईन पठन-पाठन से वंचित कर दिया गया है जिसके विरुध्द सामाजिक कार्यकर्ता पंकज मिश्रा ने मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक, मिर्जापुर से फोन के माध्यम से वार्ता कर व अपना मांग पत्र भेजकर विरोध दर्ज कराया है व लाकडाउन अवधि के विद्यालयो के फीस के संदर्भ मे विभिन्न मदो मे देय फीस को स्पष्ट करने तथा फीस जमा नही होने के आधार पर किसी भी छात्र को आनलाईन पठन-पाठन से वंचित नही किया जाये तथा ना ही छात्रो का नाम विद्यालय से काटा जाये इस आशय का निर्देश उर्जांचल मे स्थित विद्यालयो को दिये जाने की मांग की है। दुसरी ओर उन्होने अभिभावको से अपील की है कि जो अभिभावक अपने बच्चो की स्कुल फीस भरने मे असमर्थ है वह अपना आवेदन विद्यालयो के समक्ष प्रस्तुत करे तथा विद्यालय उन पर शासनादेश के क्रम मे पहल करे।
मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक, मिर्जापुर(मो.न.-09454457525)