खबर काअसर:वाह रे तलाक नाम से खबर चलने के बाद दर्ज हुआ मुकदमा
खबर काअसर:वाह रे तलाक नाम से खबर चलने के बाद दर्ज हुआ मुकदमा
हिन्दू विवाह अधिनियम के विपरीत विवाह खंडित करने पर पति समेत अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज-सावित्री देवी
मामलें में महिला कल्याण विभाग, एडीजी, डीआईजी, एसपी से हुई थी शिकायत
सोनभद्र::जनपद सोनभद्र के रायपुर थाना के अंतर्गत ग्राम गोटीबांध की निवास करने वाली एक महिला मीना देवी उम्र 40 वर्ष पुत्री स्वर्गीय श्रृंगार गिरी गोटीबांध की निवासी जिसका विवाह करीब 25 वर्ष पहले ग्राम धर्मदास पुर थाना पन्नूगंज निवासी संतोष पुत्र भोला गिरी से पूरे हिन्दू रीति रिवाज के अनुसार संपन्न हुवा था। उससे दो बेटियां एक बेटा है करीब 1 वर्ष से दोनों में कुछ अनबन चल रहा था। अचानक बात इतना आगे बढ़ गया कि मीना ने तलाक लेने का फैसला कर लिया दोनों बेटियों बेटा उसके पति को धर्मदासपुर से गोटीबांध बुलवाया गया गांव में शंकर जी के मंदिर के चबूतरे पर ग्राम प्रधान एवं करीब दर्जनों ग्रामीणों के समक्ष महिला का सिंदूर धोया गया तथा आपसी सहमति से बड़ी बेटी नेहा 17 वर्ष व बेटा अमित 5 वर्ष दोनों पिता के साथ रहने को राजी हुए व एक बेटी खुशबू 13 वर्ष मां के साथ रहेगी दो प्रतियों में स्टांप पर तलाक नामा लिखा गया
तथा दोनों पक्ष आज से आना जाना व कोई संबंध नहीं रखेंगे बेटे बेटी पति पत्नी ने अपने हस्ताक्षर बनाए ग्राम के प्रधान व पंचों ने उस पर हस्ताक्षर बनाएं संतोष गिरी अपनी बेटी और बेटे को लेकर घर चला गया वह मीना अपनी मां के साथ रहेगी उसके पिता की पहले ही मृत्यु हो चुकी है अधेड़ उम्र में तलाक पूरे क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ था।इस पूरे मामले में कही न कही हिन्दू रीतिरिवाजों के अनुसार इस तरह एक शादी शुदा महिला का सिंदूर पंच द्वारा धुलवाना उचित न था।इस तरह के मामले में पहले परिवार वाद न्यायालय,पुलिस या महिला शक्ति केंद्र के पास जाना चाहिये था इस तरह का पंचायत द्वारा इस तरह का कृत किया जाना समाजहित में अच्छा नही। इस पूरे मामले की जैसे ही समाचार के माध्यम से जानकारी हुयी महिला सुरक्षा एवं जन सेवा ट्रस्ट की अध्यक्ष सावित्री देवी ने तत्काल इस पूरे मामलें की जानकारी महिला कल्याण विभाग उत्तर प्रदेश शासन,एडीजी जोन वाराणसी,डीआईजी मिर्जापुर, पुलिस अधीक्षक सोनभद्र को मेल व ट्विटर के माध्यम से अवगत कराया गया। जिसको संज्ञान में लेते हुये फौरन पुलिस अधीक्षक के निर्देश में थाना रायपुर पुलिस द्वारा आरोपित पति व अन्य के विरुध्द मु.अ.सं.-65/20 धारा-498ए,506 भादवि का अभियोग पंजीकृत कर कार्यवाही शुरू किया गया।
क्या है हिन्दू विवाह अधिनियम-:हिन्दू विवाह अधिनियम 1955 के धारा 13-बी में प्रावधान किया गया है कि यदि पति-पत्नी एक वर्ष या उस से अधिक समय से अलग रह रहे हैं तो वे यह कहते हुए जिला न्यायालय अथवा परिवार न्यायालय के समक्ष आवेदन प्रस्तुत कर सकते हैं कि वे एक वर्ष या उस से अधिक समय से अलग रह रहे है।उन का एक साथ निवास करना असंभव है और उन में सहमति हो गई है कि विवाह विच्छेद की डिक्री प्राप्त कर विवाह को समाप्त कर दिया जाए। इस प्रावधान को भी आगे विस्तार पूर्वक विवेचन करेंगे।प्रारंभिक हिन्दू विधि में तलाक या विवाह विच्छेद की कोई अवधारणा उपलब्ध नहीं थी। हिन्दू विधि में विवाह एक बार हो जाने के बाद उसे खंडित नहीं किया जा सकता था। विवाह विच्छेद की अवधारणा पहली बार हिन्दू विवाह अधिनियम 1955 से हिन्दू विधि में सम्मिलित हुई। वर्तमान में हिन्दू विवाह को केवल उन्हीं आधारों पर विखंडित किया जा सकता है।