गांव ओडीएफ और पंचायत भवन का शोभा बढ़ा रहे दर्जनों शौचालय के ढक्कन

गांव ओडीएफ और पंचायत भवन का शोभा बढ़ा रहे दर्जनों शौचालय के ढक्कन
पड़ताल में कई शौचालय के दरवाजे गायब मिले,शौचालयों पर बेनिफिशरी कोड अंकित भी नहीं
दुद्धी(रवि सिंह)सोनभद्र:दुरह गांव करहिया जहाँ शौचालयों को पूर्ण दिखाकर ओडीएफ घोषित कर दिया गया है वहां बने शौचालयों के गड्ढे को ढकने के लिए ढाले गए दर्जनों ढ़क्कन पंचायत भवन का शोभा बढ़ा रहे है और गांव में बने शौचालय के गढ्ढे खुले पड़े है।गांव की पड़ताल में दर्जनों शौचालय अधूरे पड़े है कहीं किसी शौचालय में दरवाजा नहीं तो किसी का दरवाजा हवाओं
से चौखट से टूट कर अलग हो गये ,शौचालयों के गढ्ढे भी मानक के अनुरूप खोदे नहीं गए ,ना तो शौचालयों का रंग रोगन हुआ है और ना ही आवंटित लाभार्थी के बेनिफिशरी कोड और नाम अंकित किये गए जिससे पता ही नहीं चल पाता कि यह किसे आबंटित किये गए है।
करहिया के मुडमार टोले में संजय यादव को शौचालय बनवाया गया है जिसका दरवाजा हवा की झोंको से उखड़ कर गिर गया जिससे उन्हें मजबूरन खुले में शौच जाना पड़ता है।उनके घर की एक महिला धर्मशीला देवी ने बताया कि दरवाजा ठीक से नहीं लगवाया गया तो तेज हवा में गिर गया। दूसरा दरवाजा लाकर रखे है जो अभी तक नहीं लगाया गया।ग्रामीण गुलाबचंद ने बताया कि उनके शौचालय का ढांचा खड़ा है लेकिन अंदर का काम बाकी है पॉट से पाइप कनेक्ट नहीं हुआ है और गढ्ढा में नहीं जोड़ा गया है और ढक्कन भी नहीं लगा है साल भर हो गया अभी तक इसे पूरा नहीं कराया गया है निर्माण के बावत बताया कि सचिव द्वारा ठीकेदार के माध्यम से बनवाया जा रहा था।गुलाबचंद ने बगल स्थित एक शौचालय दिखाते हुए कहा कि यह शौचालय राजेन्द्र प्रसाद यादव का है इसमें दीवार खड़ा है और सारा काम बाकी है| पड़ताल में मुडमार टोले का निवासी शौचालय का लाभार्थी एक अन्य संजय यादव का शौचालय ऐसा पाया गया जिस पर दरवाजा नहीं लगवाया गया जिससे यह शौचालय ऐसा प्रतीत हो रहा था जैसे खुले में शौच को बढ़ावा दे रहा है।ग्रामीणों ने बताया कि गाँव मे बनाये गए ज्यादातर शौचालय अधूरे है , और सुनने में आ रहा है कि गांव ओडीएफ हो चुका है | ग्रामीणों ने गांव में बने शौचालयों का भौतिक सत्यापन कराये जाने की मांग जिलाधिकारी से की है जिससे स्थानीय जिम्मेदारों की कलई खुल सकें|