लैम्पस में खाद नही मिलने से किसान ऊंचे दाम में बाजार से खाद लेने को मजबूर
●किसानों ने कहा खाद नही मिलने से धान की फसल को भारी नुकसान
कोन(ब्यूरो चीफ/जयदीप गुप्ता)। स्थानीय बाजार में खाद आते ही किसान खाद लेने के लिए खड़े हो गए और पहले हमे तो पहले हमें की तर्ज पर धक्का मुक्की शुरू हो गयी बता दे कि लगभग एक सप्ताह पूर्व कोन लैम्पस में 215 बोरी व रामगढ़ लैम्प्स में 220 बोरी खाद आया था लेकिन किसानों की संख्या ज्यादा होने से हंगामा शुरू हो गया था वहीं किसानों के खाद लेने के लिए मारामारी के बीच पुलिस व नेता भी खाद वितरण कराने में हाथ खड़े कर चुके है जिससे जो खाद आया है वह भी किसानों के खेत तक नही पहुच सका यही नही जिन किसानों ने सहकारी बैंक से कर्ज लिया है और खाद के लिए चेक भी दे दिया है उनको दोहरी मार झेलनी पड़ रही है एक तो खाद का चेक से भुकतान कर चुके है
उसका ब्याज लैम्प्स में शुरू हो चुका है वही खाद नहीं मिलने से किसानों की फसल बर्बाद हो रही है जिससे किसानों के सामने बैंक से डिफाल्टर व घर मे अनाज नही आने से भुखमरी के कगार पर पहुच जायेगे
वही रविवार को कोन बाजार में एक निजी दुकान के यहाँ खाद की ट्रक आयी थी जिसमे लगभग 200 बोरी यूरिया खाद थी और किसानों को इसकी भनक लगते ही वहाँ देखते ही देखते हजाऱो की संख्या में किसानों की भीड़ उमड़ पड़ी जहाँ ऊँचे दाम 550 रूपये प्रति बोरी में खाद की बिक्री की गयी और देखते ही देखते सारा स्टाक बिक गया वहीं खाद लेने के दौरान किसान सोसल डिस्टेंसिंग का पालन करना भी भुल गये और पहले हमें पहले हमें के बीच धक्का मुक्की शुरू हो गयी वहीं दुकानदार ने किसी तरह से खाद वितरण किया जिस किसान को खाद नही मिल पाया वह निराश हो कर लौटने को मजबूर दिखा
अब सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि लैम्पस के गोदाम में खाद रहते किसानों की फसल बर्बाद हो रही है आखिर ऐसा क्यों हो रहा है यह समझ से परे है वही रविवार को लैम्पस पर पहुचे खुर्शीद आलम,आनंद,नन्दलाल त्रिपाठी,संतोष,राजेश समेत सैकड़ो किसानों ने तत्काल खाद वितरण कराने की मांग की है