विद्यालयों में शिक्षको के उपस्थिति की अनिवार्यता समाप्त हो। अशोक तिवारी।
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मुस्तकीम खान
केकराही । कोरोना संक्रमण को देखते हुए माध्यमिक व बेसिक शिक्षा परिषद के सभी विद्यालयों को 15 मई तक बंद करने एवम् बोर्ड परीक्षा को निरस्त करने का आदेश शासन द्वारा दिए जाने के बाद अधिकांश जनपदों में विद्यालयों में शिक्षको की उपस्थिति की अनिवार्यता समाप्त कर दी गई है। परंतु विंध्याचल मंडल के तीन जनपदों सोनभद्र,मिर्जापुर, भदोही में विद्यालयों के प्रिंसिपल व शिक्षको को स्पष्ट निर्देश न मिलने के कारण शिक्षक भय ग्रस्त हो विद्यालय जाने को मजबूर है। राजकीय शिक्षक संघ विंध्याचल मंडल के मंडलीय अध्यक्ष अशोक तिवारी ने जिला विद्यालय निरीक्षक सोनभद्र व संयुक्त शिक्षा निदेशक विंध्याचल मंडल को संगठन के माध्यम से पत्र प्रेषित कर वर्तमान समय में बढ़ते कोरोनो केशो को देखते हुए तत्काल शिक्षको को विद्यालय में उपस्थित से छूट देने की मांग की है। श्री तिवारी ने कहा कि अधिकांश शिक्षिका बहने अपने साथ छोटे छोटे बच्चो को भी लेकर विद्यालय जाती है। वाहन में भारी संख्या में भीड़ रहती है। जिससे उन्हें अपने व अपने बच्चो के स्वास्थ्य के प्रति भय बना हुआ है। श्री त्रिपाठी ने यह भी मांग की है कि नव नियुक्त शिक्षको को शपथ पत्र के आधार पर बेटन भुगतान किया जाय। इसी क्रम में माध्यमिक वित्त विहीन प्रबंधक महासभा के प्रभारी वाराणसी शिक्षक खंड उमाकांत मिश्र ने भी डीआईओएस व जे डी से मांग की है कि शिक्षको को इस वैश्विक महामारी कोरोंना काल में (वर्क फ्राम होम ) कार्य की अनुमति दी जानी न्यायोचित होगी। एवम् पूर्व वर्षो एवम् अन्य जनपदों की तरह शिक्षको को जिला मुख्यालय नहीं छोड़ने व अपने आवास से सभी आवश्यक कार्य करने की अनुमति दी जाए। जिला विद्यालय निरीक्षक प्रवीण कुमार मिश्र ने इस बाबत सेल फोन पर बताया कि प्रमुख सचिव महोदय के पत्र को सभी प्रधानाचार्य गणों को अवगत करा दिया गया है। डीआईओएस स्तर से कोई अन्य निर्देश जारी नहीं किए गए हैं।