*खबर का असर:नसंबदी के बदले चांदी की चेन के गिरवी के मामले में एंबुलेंस चालक को हटाया गया*

घोरावल(पी डी)सोनभद्र:घोरावल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मे एंबुलेंस चालक के अमानवीय व असंवेदनशील कारनामे से जिले में हड़कंप मच गया। जब बंध्याकरण कराने वाली महिला को प्रसव उपरांत घर जाने के लिए चांदी की चेन मजबूरन बाजार में गिरवी रख मिले हुए रुपये से उसे निजी साधन कर घर जाना पड़ा। यह मामला शासन की महत्वाकांक्षा वाली योजना पर प्रश्नचिन्ह डाल दिया महज चंद सुविधा शुल्क के चक्कर मे। कोलडीहा की सितारा को चांदी की चेन गिरवी रखकर स्वर्णकार से 1500 रुपये लेना पड़ा तब निजी साधन से वह अपने मायके के लिए रवाना हुई। मामला प्रकाश में आने पर स्वास्थ्य विभाग हरकत में आ गया। जिला मुख्यालय पर एमी के पद पर रहे संदीप ने बुधवार को मामले की जांच के लिए घोरावल आए। जानकारी के मुताबिक उन्होंने मामले में संबंधित चालक को कड़ी फटकार लगाते हुए लेटर पकड़ा कर यहां से हटा दिया और लखनऊ भेज दिया। बताया गया कि मामले की जांच पड़ताल के लिए वह पीड़ित सितारा से मिलने के लिए उसके मायके कदरा जाने के लिए निकले थे। जानकारी मिल रही है कि इस मामले में सीएमओ ने 3 लोगों के खिलाफ कार्यवाही की है।
क्या था मामला-:आखिर क्यों नसबंदी कराने वाली महिला को क्यों रखनी पड़ी चांदी की चेन गिरवी ,पढ़े पूरी खबर
सोनभद्र: घोरावल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में मंगलवार को उस समय एंबुलेंस चालक का अमानवीय व असंवेदनशील रवैया सामने आया, जब नसबंदी कराने वाली महिला को चांदी की चेन मजबूरन बाजार में गिरवी रखनी पड़ी। चांदी की चेन गिरवी रखकर महिला ने स्वर्णकार से 1500 रुपये लिए तब किराया देकर निजी साधन से वह अपने मायके के लिए रवाना हुई। एंबुलेंस चालक के इस असंवेदनशील रवैये से प्रसूता प्रसव के बाद से दोपहर बाद तक सीएचसी के बाहर पड़ी रही। जानकारी के अनुसार, कोलडीहा निवासी लहरी अपनी बहू सितारा देवी की नसबंदी कराने के लिए आया था। इसके लिए वह बहू को लेकर सोमवार को सरकारी अस्पताल पहुंचा था। जहां उसेे प्रसव के लिए भर्ती कराया गयाा। मंगलवार को वह अपनी पत्नी, बहू और छोटे बच्चों के साथ अस्पताल के 50 बेड महिला मैटरनिटी विंग के बाहर खड़ा था। उसने बताया कि मंगलवार की भोर में डॉक्टरों ने बहू की नसबंदी की। मरीज की सुरक्षा को देखकर एक घंटे अस्पताल में रखने के बाद बहू को भोर में घर जाने के लिए डिस्चार्ज कर दिया गया। महिला को अपने मायके कदरा जाना था। और उसे लेने के लिए उसकी मां आई थी। महिला को एंबुलेंस से जाने के लिए आईडी भी जारी कर दी गई। इसके बाद जब वे लोग एंबुलेंस से घर जाने के लिए चालक के पास पहुंचे तो चालक ने 500 रुपये किराया मांगा। परिजनों के पास रुपये कम थे। तो उन्होंने एंबुलेंस चालक से विनती की कि 300 रुपये ले लें और उन्हें कदरा पहुंचा दें लेकिन एंबुलेंस चालक 500 रुपये की मांग करता रहा। सिस्टम के तहत एंबुलेंस से कदरा जाने की आईडी जारी होने के बावजूद एंबुलेंंस वाले 300 रुपये में तैयार नहीं हुए। इसके बाद एंबुलेंस न मिलने से लाचार महिला और उसके परिजन छोटे बच्चों के साथ 10 घंटे अस्पताल के महिला वार्ड के बाहर पड़े रहे। आखिरकार थक हार कर सितारा ने अपनी चांदी का जेवर गिरवी रखने के लिए सास-ससुर को दिया। घोरावल नगर के किसी स्वर्णकार की दुकान पर चेन गिरवी रखकर ससुर ने 1500 रुपये लिए। इसके बाद एक पिकअप किराये पर ली और दोपहर करीब तीन बजे कदरा जाने के लिए रवाना हुई। घोरावल सीएचसी अधीक्षक डॉ मुन्ना प्रसाद ने बताया कि चिकित्सकों की टीम के साथ वह रात भर और सुबह तक नसबंदी में जुटे रहे। नसबंदी कराने वाली महिला सितारा देवी को कदरा जाने के लिए आईडी भी जारी की गई थी। सितारा के ससुर लहरी और कुसुम्हा निवासी चंद्रभान सिंह पटेल ने प्रार्थना पत्र देकर शिकायत की है। इस संबध में जांच कर कड़ी कार्यवाही की जाएगी।