कनहर विस्थापन पैकेज में फर्जीवाड़े का आरोप, विस्थापितों ने की जाँच की माँग

● दूसरे राज्य से नाम बदलकर पैकेज लेने का मुद्दा गरमाया
● सुंदरी गांव निवासी बनकर पुनर्वास पैकेज लेने का लगाया आरोप● छत्तीसगढ़ में पिता का नाम कुछ और यूपी में दिखाया कुछ और।
● दलालों की मिलीभगत से कनहर विस्थापन पैकेज वितरण में चल रहा खेल
● दिसम्बर महीने में 27 विस्थापितों के विस्थापन पैकेज वितरण पर उठे सवाल
दुद्धी(रवि सिंह)तहसील मुख्यालय से करीब 12 किलोमीटर दूर अमवार में निर्माणाधीन कनहर सिचाई परियोजना अमवार एक बार फिर चर्चाओं मे है।परियोजना के शुरुआत में विरोध को लेकर तो इस बार कनहर डुब क्षेत्र मे विस्थापितों को दिये जा रहे विस्थापन पैकेज मे फर्जीवाड़े को लेकर चर्चा में है।सम्बंधित अधिकारियों एवं कर्मचारियों के मिलीभगत से फर्जी विस्थापन पैकेज वितरण को स्थानीय कनहर विस्थापितो में गहरा रोष व्याप्त हैं।विस्थापितों ने कोरची में प्रदर्शन कर विस्थापन पैकेज वितरण में अनियमितता का आरोप लगाया है ।कहा कि कतिपय दलालों के मिलीभगत व प्रशासनिक अधिकारी कर्मचारी के द्वारा विस्थापन सुची मे फर्जी तरीके से नाम को जोड़ कर पैकेज का वितरण किया गया है। कुछ ऐसे लोग भी विस्थापन पैकेज का लाभ ले रहे है जिसका कोई भी मूल विस्थापन सूची से सम्बंध नही है।कनहर विस्थापित रामस्वार्थ, गम्भीरा, संतोष, रामनाथ सहित अन्य विस्थापितों का आरोप है कि दिसम्बर महीने में डूब क्षेत्र मे विस्थापन पैकेज का वितरण किया गया है जिससे सुन्दरी के दो ऐसे व्यक्ति को पैकेज दिया गया है जिसका डुब क्षेत्र से कोई संबंध नही है।विस्थापितों ने आरोप लगाया कि एक छत्तीसगढ़ का व्यक्ति सुंदरी गांव का पूर्व निवासी बताकर तथा अपने पिता का नाम बदलकर पुनर्वास पैकेज सूची में नाम जोड़वा लिया।जिसमें चार व्यक्तियों का नाम जोड़ा गया जबकि उन्होंने अपना वर्तमान निवास धूपडण्डी छत्तीसगढ़ दिखाया है।कनहर विस्थापितों ने जब इसकी पड़ताल की तो फर्जीवाड़े को देखकर सन रह गए। ईश्वर नामक व्यक्ति ने दूसरे पीढ़ी में सुंदरी में अपने पिता का नाम धनराज बताया है और अपने चार पुत्र तीसरे पीढ़ी में दिखाया है।जिसमें दो लोगो का ऑनलाइन विस्थापन पैकेज दिए जाने का आरोप है।लेकिन मजे की बात यह है कि जिस ईश्वर नामक व्यक्ति ने सुंदरी यूपी में अपने पिता का नाम धनराज बताया है।वही ईश्वर नामक व्यक्ति ने धूपडण्डी छत्तीसगढ़ में अपने पिता का नाम पंचों दर्ज कराया है।जबकि उनके लड़कों के नाम मे भी भिन्नता हैं।सुंदरी यूपी के विस्थापन सूची में कुछ तो छत्तीसगढ़ के जॉब कार्ड में कुछ दिखाया गया है।कनहर विस्थापितों का आरोप है कि पहले चेक के माध्यम से विस्थापन पैकेज दिया जाता था तो विस्थापित विस्थापन पैकेज के बारे में जानते थे लेकिन अब तहसील प्रशासन एवं सिंचाई विभाग द्वारा पैकेज का पैसा आनलाईन खाते मे भेज दिया जा रहा है जिससे पता ही नही चल पा रहा है कि विस्थापन पैकेज कौन कौन लोग ले रहे हैं। कनहर विस्थापितों ने दिसम्बर महीने में वितरित किए गए विस्थापन पैकेज की जांच की मांग किया है।