उत्तर प्रदेश

जिले मे शिक्षकों के जमावड़े से फूट सकता है कोरोना बम

जिले मे शिक्षकों के जमावड़े से फूट सकता है कोरोना बम

कलेक्ट्रेट में अभिलेखों की जांच को ब्लॉकवार बुलाये गए शिक्षक

सात जुलाई से 14 जुलाई तक एडीएम करेंगे जांच सोशल,डिस्टेंस का रखना होगा खयाल

सोनभद्र:एक प्रमाण पत्र पर कई जिलों में नौकरी करने के अनामिका शुक्ला के बहुचर्चित प्रकरण के खुलासे के बाद यूपी सरकार ने वर्ष 2010 के बाद हुई नियुक्ति की जांच के आदेश दिए हैं। इसके तहत जिला प्रशासन ने कार्यवाही शुरू कर दी है। प्रशासन ने ब्लॉक वार शिक्षकों को अभिलेखों के साथ तलब किया है ताकि उनके अभिलेखों की जांच कर उनकी सत्यता प्रमाणित की जा सके। अपर जिलाधिकारी कार्यालय में 7 जुलाई से 14 जुलाई तक जिले के 8 ब्लॉकों के हजारों शिक्षकों को अभिलेखों के साथ तलब किया गया है। 7 जुलाई को रॉबर्ट्सगंज, 8 जुलाई को दुद्धी और बभनी, 10 जुलाई को चतरा और नगवां, 11 जुलाई को चोपन, 13 को घोरावल और 14 जुलाई को म्योरपुर ब्लॉक के शिक्षकों को बुलाया गया है। इसमें वर्ष 2010 के बाद से जुलाई 2018 तक नियुक्ति पाए शिक्षकों को शामिल किया गया है। यहां इन शिक्षकों का प्रमाण पत्र लेकर जांच किया जाएगा। इस दौरान सोशल डिस्टेंस का खयाल नहीं रखा गया तो कोरोना का खतरा बढ़ सकता है। वजह की यूपी के विभिन्न जिलों के रहने वाले शिक्षक सोनभद्र स्थित तैनाती स्थल पर आ रहे हैं। बता दें कि जिले में कोरोना का कहर लगातार बढ़ता जा रहा है। सोमवार को 21लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। इसके बावजूद प्रशासन की ओर से सैकड़ों लोगों को एक-एक दिन में कलेक्ट्रेट में बुलाकर अभिलेखों की जांच किए जाने की प्रक्रिया कराई जा रही है। इससे यह चर्चा होना स्वाभाविक है कि कहीं शिक्षकों का जमावड़ा कोरोना बम फूटने की वजह न बन जाए।

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