यूपी मिर्जापुर,में एक ही परिवार के तीन बच्चों की डूबने से मौत, पत्थर खनन के चलते बने गड्ढे में डूबे तीनों
मिर्ज़ापुर के अहरौरा थानान्तर्गत गांव में बकरी चराने गए एक ही परिवार के 3 बच्चों की बारिश के पानी से बनी कृत्रिम गहरे तालाब में डूबने से मौत हो गई। यह तालाब पत्थर खनन के लिए हुए गड्ढे में पानी भरने से हुए गड्ढे में बारिश का पानी भरने से बन गया है।
मिर्ज़ापुर. यूपी के मिर्जापुर में पत्थर खनन से बने तालाब में एक ही परिवार के 3 बच्चे डूब गए डूब गए गए। गोताखोरों की मदद से तीनों बच्चों का शव बरामद कर लिया गया है। बताया जा रहा है कि यह तीनों 1 दिन पूर्व बकरी चराने गए थे जहां खनन से बना बड़ा गड्ढा बारिश का पानी भरने के चलते तलब बन चुका है। तीनों उसमें नहाने उतरे थे।
मिर्जापुर जिले के अहरौरा थानान्तर्गत चिरैया मौजा लालपुर में शुक्रवार की दोपहर को एक ही परिवार के तीन बच्चे राधा (12), खुशबू (10) और काजू (8) बकरी चराने के लिए निकले थे । पत्थर के खनन से वहां बने गहरे गड्ढे में बारिश का पानी जमा होने से उसने तालाब का रूप ले लिया था। तीनों उसी पानी में नहाने के लिए उतरे और डूब गए। देर रात तक भी जब तीनों घर नहीं पहुंचे तो परिजन उन्हें ढूंढने निकले तो घटना का पता चला। सुबह तक तीनों के क्यों नहीं निकाले जा सके सके थे।
सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और शनिवार की सुबह गोताखोरों को बुलवाकर गड्ढे के पानी में तीनों की तलाश शुरू की गई। काफी कोशिशों के बाद आखिरकार गोताखोरों ने तीनों के शवों को ढूंढ निकाला। घटना के बाद मृत बच्चों के गांव के परिजनों और गांव में कोहराम मच गया गया गांव में कोहराम मच गया गया। पुलिस के मुताबिक जिस गड्ढे में भरे पानी में डूब कर बच्चों की मौत हुई है वह पत्थर खनन के चलते बना है। गड्ढे की लंबाई चौड़ाई 50 से 150 सौ फीट है, जबकि इसकी गहराई करीब 12 फीट बताई जा रही रही बताई जा रही है। एसपी धर्मवीर भारती ने ने भी बताया की या गड्ढा एटीवीस गड्ढा एटीवीस पत्थर खनन का है सभी मृतकों के शव गोताखोरों की मदद से निकाल लिए गए हैं।
*लोग बोले अवैध खनन से बना गड्ढा, डीएम का इनकार*
जिस गड्ढे में 3 बच्चे डूब कर कर मरे हैं स्थानीय लोगों का दावा है कि वह बड़ा गड्ढा अवैध पत्थर खनन के चलते बना है। स्थाथानी नौगढ़ निवासी निवासी राजकुमार ने बताया कि पत्थर के अवैध खनन के लिये की जाने वाली ब्लास्टिंग के चलते गड्ढा बना है, जबकि डीएम डीएम सुशील पटेल ने इससे इनकार किया है। उनका कहना है कि चुनार तहसील के अहरौरा थानान्तर्गत गांव में पत्थर खनन की लीज़ 2022 तक है। बताया कि यह लगभग 30 मीटर ऊपर है। इसकी जांच में कोई अनियमितता नहीं पायी गई है। यह खनन लीज़ 10 सालों के लिये है। अभी यह ज़मीन से काफी ऊपर है और नियम से है।