_वासुदेव खरवार की बेदखली के खिलाफ मजदूर किसान मंच का हस्ताक्षर अभियान_
उमेश कुमार सिंह
_आदिवासियों की बेदखली पर लगी रोक- इंद्रदेव खरवार
बभनी,
_वासुदेव खरवार की बेदखली के खिलाफ मजदूर किसान मंच का हस्ताक्षर अभियान_ कुमार सिंह ,सोनभद्र, 21 जुलाई 2020, घघरा गांव के आदिवासी वासुदेव खरवार की गांव के प्रधान के इशारे पर पुश्तैनी जमीन से की जा रही बेदखली के खिलाफ आज 0आदिवासी वनवासी महासभा और मजदूर किसान मंच के कार्यकर्ताओं ने गांव में हस्ताक्षर अभियान चलाया. इस हस्ताक्षर अभियान में अभी तक डेढ़ सौ से ज्यादा ग्रामीणों ने हस्ताक्षर करके इस बात को तस्दीक किया कि जिस जमीन से वासुदेव की बेदखली की जा रही है वह उसकी पुश्तैनी जमीन है और 100 से भी ज्यादा सालों से उस जमीन पर उसका मालिकाना अधिकार है. इस हस्ताक्षर अभियान का नेतृत्व करते हुए मजदूर किसान मंच के बभनी के प्रभारी इंद्रदेव खरवार ने बताया की वासुदेव खरवार की जमीन से जो बेदखली की गई है वह गांव के भ्रष्ट प्रधान और प्रशासन की मिलीभगत से हुई है. उन्होंने कहा कि लगातार इस पर पत्र लिखने और प्रशासनिक अधिकारियों से मिलने के बावजूद अभी तक इस पर रोक नहीं लगाई गई है. इसलिए अब मजदूर किसान मंच इसे जनता के बीच में ले जा रहा है और आदिवासियों की एक बड़ी गोलबंदी इस पर की जाएगी.उन्होंने कहा की प्रशासन का यह तर्क की वासुदेव के पास तो जमीन है, बेईमानी है. सच यह है कि उसके पास जो जमीन है वह ज्यादातर उसके सम्मिलित खाते की है और उस जमीन की उत्पादकता बेहद कम है. बिना किसी वैधानिक नोटिस के वासुदेव को बेदखल करना कानून के विरुद्ध है और जो लोग भी कानून के विरुद्ध जाकर माननीय उच्च न्यायालय की अवहेलना करते हुए इस कोरोना महामारी में आदिवासियों को बेदखल कर रहे हैं उनके खिलाफ जरूरत पड़ी तो मजदूर किसान मंच और आदिवासी महासभा विधिक कार्यवाही करने के लिए भी बाध्य होगा.उन्होंने कहा कि गांव के भ्रष्ट प्रधान को लगातार प्रशासन का संरक्षण मिल रहा है और उसके ही कहने पर आदिवासियों की बेदखली की कार्रवाई को प्रशासन ने अंजाम दिया है. हालत यह है कि जिस पुश्तैनी जमीन से वासुदेव खरवार को बेदखल किया गया और एक बाग एक गांव परियोजना के तहत वहां वृक्षारोपण कराया जा रहा है उस जमीन पर लगे वृक्षों की देखभाल और व्यवस्था करने तक का अधिकार प्रशासन वासुदेव को देने को तैयार नहीं है. यह साफ दिखाता है प्रशासन की मंशा उसे बेदखल कर उसकी जमीन हथियाने की है जिसे आदिवासी समाज सहन नहीं करेगा और इसके खिलाफ प्रतिवाद करेगा. उन्होंने कहा कि हस्ताक्षर होने के बाद यह सारे हस्ताक्षरित पत्र माननीय मुख्यमंत्री और जिलाधिकारी को सौंपी जाएंगे और उनसे कार्यवाही करने का निवेदन किया जाएगा.
इंद्रदेव खरवार
प्रभारी
मजदूर किसान मंच, बभनी