सूर्य अस्त खनन माफिया मस्त-बी0 के0 मिश्रा
सूर्य अस्त खनन माफिया मस्त-बी0 के0 मिश्रा
विशेष जांच टीम को बीके मिश्रा ने जांच की मांग को लेकर नोट कराये 14 बिंदु
बीके मिश्रा ने आरोप लगाया कि रेंज के वन विभाग के अधिकारियो द्वारा पैसा लेकर कब्जा करा रहे वन भूमि व अबैध खनन
शाम होते ही बालू की अबैध खनन हो जाता हैं शुरू और बड़े बड़े कंपनियों व ठेकेदारों को दिया जाता हैं सफ्लाई
उठाये सवाल जब घोड़दाहा नाला के जंगल मे 475 पेड़ो के कटे ठूंठ मिले तो जिम्मेदार पर करवाई क्यों नहीं
सोनभद्र|राहुल प्रियंका गांधी सेना सोनभद्र के जिलाध्यक्ष वीके मिश्रा ने चीफ द्वारा विंढमगंज वन रेंज में जांच टीम को जांच को लेकर बिंदुवार 14 बिंदुओं को नोट कराया है,जिसे टीम में मौके पर उपस्थित ओबरा के एसडीओ जेपी सिंह ने नोट किया है।कांग्रेस नेता वी के मिश्रा ने आरोप लगाया है कि समोही नाला के पास फुलवार में 50 बीघा जमीन पर वन विभाग के अधिकारियों ने पैसा लेकर वन भूमि कब्जा कराया गया है । जिसपर चीफ साहब को जाने से भटका दिया गया। चक फुलवार में 25 बीघा जमीन 10 दिन पहले कब्जा करवाया गया है।आरोप लगाए की तीन दिन पहले जो प्लांटेशन मुख्य वनसंरक्षक को सुई चट्टान में यह कह कर दिखाया गया यह जमीन को अवमुक्त कराया है,वह विभाग की ही जमीन थी वास्तव में हुए उस स्थान पर कोई कब्जा खाली नहीं कराया।
विभागीय लापरवाही में उसी स्थान पर 10 एकड़ में हुए कब्जा पर 30 एकड़ का मुकदमा 10 दिन पहले काटा हुआ है।ऐसा इस लिए किया गया ही कि प्लांटेशन को कह सके कि अतिरिक्त भूमि खांली कराया है।आरोप लगाया है को सुरक्षित वन भूमि मलिया नदी व कनहर नदी से अवैध खनन कर रेलवे दोहरीकरण सहित बड़े बड़े कंपनियों व ठेकेदारो को हजारों ट्रैक्टर बालू सप्लाई किया जा रहा है। ,कोरगी बालू साइट पर ढुलान का मार्ग पिपरडीह से है लेकिन उस रास्ते से ना आकर वन भूमि से ढुलान होता है।जबकि यहाँ एक आदिवासी की अवैध खनन का विरोध करने पर हत्या भी हो गयी।कहा कि लखनऊ से जब एपीसीसीएफ पंकज मिश्रा जब यहाँ जांच में आये थे तो उक्त मार्ग को देख रेंजर को फटकार भी लगाया था तब उस वन भूमि से गुजरे मार्ग को कटवा दिया गया था फिर से मिलीभगत कर वन कर्मियों द्वारा रास्ता चालू करवा दिया गया है।मिश्रा ने आरोप लगाया है कि बरसात बाद परिवहन इस रास्ते होगा या पिपरडीह से होगा।आगे कहा कि सोंनगर में 400 बीघा वन भूमि अतिक्रमण हुआ है ,वहीं धुमा के धुमनगर में 200 बीघा जमीन अतिक्रमण हुआ है।नगवां बालू साइट पर अवैध खनन का विरोध करने पर आदिवासी की हत्या कर दी गयी। सवाल उठाया कि जैसा कि विभागीय सूत्रों से पता चला है कि घोड़ दाहा नाला में अवैध कटान में 475 पेड़ कटे है,केस कट गया है लेकिन अभी तक कोई भी जिम्मेदार नपा क्यों नहीं।जोरकाहू में अवैध कटान ,चरकपथली में अवैध कटान ,दोमुंही नाला में अवैध कटान की भी जांच की मांग उठाई। गोरबा खाड़ी गोरकी माटी के बीच जंगल में भी 10 बीघा जमीन पर फसल उगाए जाने का आरोप लगाया है।छतवा ग्राम पंचायत 6 व बरखोरहा में 4 बीघा वन भूमि पर कब्जा होने का आरोप लगाया है।आरोप लगाए की बोधाहीह ,बनरखोहवा नाला में 100 – 150 ट्रैक्टर बालू दिन में डंप होता है और रात में टीपरो से ढुलान होता है।इस कहानी की पुष्टि तो घिचोरवा चौकी पर पूर्व अधिकारियों द्वारा सीज बालू ही करता है।इन्ही सब बिन्दुओ को लेकर उन्होंने विशेष टीम से जांच का अनुरोध किया है ।
उपरोक्त के बावत जांच टीम लीडर ओबरा डीएफओ प्रखर मिश्रा और राबर्ट्सगंज के डीएफओ संजीव सिंह सहित मुख्य वन संरक्षक व लखनऊ के विभिन्न अधिकारियों को मेल वाट्सएप के जरिए अनुरोध किया है कि आदिवासी बनवासी बाहुल्य रेनूकूट वन प्रभाग अंतर्गत शिकायत करने वाले अब तक दो-दो आदिवासियों की हत्या तक हो चुकी है, जिसे तुरंत रोका जाना बहुत ही आवश्यक है, इसके लिए दोषी अधिकारियों कर्मचारियों को चिन्हित करते हुए कड़ी से कड़ी कार्यवाही की किया है।